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मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय

जीवन में आ रही बाधाओं से हैं परेशान? मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कुछ विशेष उपाय करने से हो सकती है ये समस्याएं हल 


हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है। इस दिन को 'बत्तीसी पूर्णिमा' भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना, व्रत, दान आदि करने से साधक को 32 पूर्णिमाओं के बराबर फल प्राप्त होता है। इस दिन पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान का विशेष महत्व माना गया है और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में आ रही समस्त बाधाओं का नाश होता है। आइये जानते हैं मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन कौन से विशेष उपाय किए जा सकते हैं। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले उपाय


1. पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाना

पूर्णिमा तिथि के दिन पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। दीपक जलाने से पहले जल में दूध और गुलाब डालकर पीपल पर अर्पित करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

2. तुलसी के पौधे को अर्पित करना

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने के लिए तुलसी के पौधे को लाल कलावा, लाल चुनरी और कच्चा दूध अर्पित करना शुभ माना जाता है।

3. घर के ईशान कोण पर घी का दीपक जलाना

पूर्णिमा तिथि के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण पर घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से धन की देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

4. सत्यनारायण भगवान की कथा करना

पूर्णिमा तिथि के दिन घर में केले के पत्ते का मंडप सजाकर स्नान के बाद सत्यनारायण भगवान की कथा करनी चाहिए। भगवान को पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। माता लक्ष्मी को लाल चुनरी अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

5. चांदी के पात्र का दान करना

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चांदी के पात्र का दान करना शुभ फलदायी माना जाता है। चांदी को चंद्रमा का धातु माना जाता है। चंद्रमा मन को शांत करने वाला और शीतलता देने वाला माना जाता है। चांदी के पात्र का दान करने से दान देने वाले को मानसिक शांति मिलती है और उसके घर में सुख-समृद्धि आती है।

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नर्मदा में स्नान के अद्भुत लाभ

भारतीय संस्कृति में नदियों का महत्व बहुत अधिक है, उन्हें मां का दर्जा दिया जाता है। गंगा नदी के प्रति लोगों की आस्था से अधिकतर लोग परिचित हैं। हालांकि, देश भर में खासकर मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी का काफी महत्व है। इस बार 4 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जा रही है।

नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

मां नर्मदा की पूजा-विधि

प्रतिवर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाने का विधान है। इस दिन मां नर्मदा की विशेष रूप से यह जयंती मनाई जाती है।

नर्मदा नदी की कथा

नर्मदा नदी पहाड़, जंगल और कई प्राचीन तीर्थों से होकर गुजरती हैं। वेद, पुराण, महाभारत और रामायण सभी ग्रंथों में इसका जिक्र है। इसका एक नाम रेवा भी है। माघ माह में शुक्ल पक्ष सप्तमी को नर्मदा जयन्ती मनायी जाती है।

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