गुरु पूर्णिमा का पर्व जहां अध्यात्म और गुरु भक्ति का प्रतीक होता है, वहीं ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी यह दिन अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। 10 जुलाई 2025, गुरुवार को मनाई जाने वाली गुरु पूर्णिमा पर बृहस्पति ग्रह (गुरु) मिथुन राशि में गोचर करेंगे। यह संयोग कई राशियों के लिए सकारात्मक फलदायक साबित होगा। बृहस्पति ग्रह को वैदिक ज्योतिष में ज्ञान, धर्म, भाग्य, विवाह, संतान, गुरु और न्याय का कारक माना गया है। जब गुरु शुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सम्मान और उन्नति के द्वार खुलते हैं।
गुरु जब मिथुन राशि में स्थित होते हैं, तो यह एक विशेष प्रकार की ऊर्जा लेकर आता है, जो व्यक्ति की बुद्धि, वाणी, शिक्षा, विचारशक्ति और संबंधों को प्रभावित करता है। मिथुन राशि स्वयं एक बुद्धि प्रधान और संवादशील राशि मानी जाती है, और जब इसमें गुरु का प्रभाव जुड़ता है, तो यह शिक्षा, संचार और रिश्तों में शुभ संकेत देता है।
जिन जातकों की राशि मिथुन है, उनके लिए यह समय अत्यंत शुभ रहेगा। गुरु के गोचर से उन्हें व्यक्तिगत जीवन, करियर, और रिलेशनशिप में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी। दांपत्य जीवन में मिठास बढ़ेगी, प्रेम संबंधों में स्थिरता आएगी और शिक्षा तथा करियर में सफलता मिलेगी। यह समय नए विचारों, योजनाओं और अवसरों से भरपूर रहेगा।