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भाद्रपद मास 2025 दुर्गा अष्टमी

भाद्रपद मास 2025 दुर्गा अष्टमी

Durga Ashtami 2025: भाद्रपद मास की दुर्गा अष्टमी कब मनाई जाएगी, जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि  

भाद्रपद मास में आने वाली दुर्गा अष्टमी का हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष महत्व माना गया है। इस दिन मां दुर्गा की आराधना करके भक्त अपनी शक्ति, साहस, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर विधि-विधान से पूजा करने से मां दुर्गा विशेष प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को हर संकट से उबारकर आशीर्वाद देती हैं। 

भाद्रपद दुर्गा अष्टमी की तिथि और पूजा मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की दुर्गा अष्टमी 31 अगस्त 2025, रविवार को मनाई जाएगी।

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 30 अगस्त 2025 को रात 10:46 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 1 सितंबर 2025 को देर रात 12:57 बजे

दुर्गा अष्टमी की पूजा निशा काल में करने का विशेष महत्व है। इस बार निशा पूजन का शुभ समय 31 अगस्त को रहेगा। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करके भक्त अपने जीवन की सभी बाधाओं और संकटों से मुक्ति की कामना करते हैं।

मां दुर्गा को अर्पित करें लाल चुनरी और सिंदूर

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पवित्रता का पालन करें। पूजा के लिए लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
  • गंगाजल या पवित्र जल से पूजा स्थल का शुद्धिकरण करें। इससे वातावरण पवित्र और ऊर्जावान बनता है।
  • एक वेदी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। प्रतिमा को श्रृंगार के साथ सुशोभित करें।
  • मां दुर्गा को लाल चुनरी, सिंदूर, रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य के रूप में फल या मिठाई का भोग लगाएं।
  • पूजा के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जप करें। मां दुर्गा का मूल मंत्र: “ॐ दुं दुर्गायै नमः।
  • इसके साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करें। यह मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने का श्रेष्ठ उपाय है।
  • पूजन पूर्ण होने के बाद मां दुर्गा की आरती करें। धूप और दीपक के साथ पारंपरिक आरती गाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • पूजा और व्रत के दौरान मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से पूरी तरह दूर रहें। सात्विक आहार ग्रहण करें और संयम का पालन करें।

भाद्रपद माह की दुर्गा अष्टमी के धार्मिक महत्व

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास की दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा को लाल वस्त्र, चुनरी और सिंदूर चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को शक्ति, साहस और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। 
  • निशा पूजन से विशेष सिद्धि प्राप्त होती है और जीवन की नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
  • दुर्गा चालीसा और मंत्र जाप करने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।

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