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Jyeshtha Purnima 2025 (ज्येष्ठ पूर्णिमा कब मनाई जाएगी)

Jyeshtha Purnima 2025 (ज्येष्ठ पूर्णिमा कब मनाई जाएगी)

Jyeshtha Purnima 2025: 10 या 11 जून, जून में कब मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा? जानें व्रत और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ होता है, विशेष रूप से स्नान, दान और व्रत के लिए। यह व्रत पवित्रता, आत्मिक शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। वर्ष 2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि व्रत 10 जून को रखा जाएगा या 11 जून को। इसलिए इस लेख में हम पंचांग आधारित सही जानकारी देंगे कि ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 2025 में कब रखना उचित होगा।

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 10 जून 2025 को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर आरंभ होगी, और इसका समापन 11 जून 2025 को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में पूर्णिमा की तिथि दो दिन तक रहेगी, मगर उदय तिथि यानी सूर्योदय के समय जो तिथि प्रबल होती है, उसी को धार्मिक कार्यों के लिए मान्यता दी जाती है। 2025 में उदय तिथि 11 जून को है, इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, स्नान, और दान 11 जून 2025 को ही मान्य और शुभ माना जाएगा।

इस व्रत से होती है शुद्धि प्राप्ति

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से मानसिक और शारीरिक शुद्धि प्राप्त होती है। साथ ही, यह व्रत जीवन में शांति और समृद्धि लाने वाला भी माना गया है। भक्तगण इस दिन भगवान विष्णु, शिव और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें इन पुण्य कर्मों

  • सूर्योदय से पूर्व स्नान और ध्यान।
  • ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देना।
  • शांत मन से उपवास रखना।
  • धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना।
  • घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति ज्येष्ठ पूर्णिमा पर श्रद्धापूर्वक व्रत, दान और स्नान करता है, उसे हजारों यज्ञों के बराबर फल की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल दीर्घकाल तक स्थायी रहता है।

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