Logo

अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त जुलाई 2025

अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त जुलाई 2025

July 2025 AnnaPrashan Muhurat : जुलाई 2025 में करना चाहते हैं बच्चे का अन्नप्राशन संस्कार? यहां जानें शुभ मुहूर्त और नक्षत्र

हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन, जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है। यह संस्कार न केवल बच्चे के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन बच्चे की स्वस्थ, समृद्ध, और खुशहाल जिंदगी की नींव रखता है। दरअसल, जन्म के शुरुआती छह महीनों में शिशु की दुनिया में सिर्फ मां का दूध होता है, लेकिन जब वह पहली बार पके हुए भोजन का स्वाद लेता है, तो यह न केवल उसकी आहार यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत होती है, बल्कि यह उसके परिवार की शुभकामनाओं का भी प्रतीक है। अन्नप्राशन के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुभ माना जाता है। अन्नप्राशन संस्कार सदैव शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं जुलाई 2025 में अन्नप्राशन संस्कार की शुभ तिथियां और शुभ मुहूर्त क्या हैं।

जुलाई अन्नप्राशन मुहूर्त 2025

पंचांग के अनुसार, जुलाई 2025 में 2, 4, 17, और 31 तारीखें अन्नप्राशन के लिए शुभ मानी गई हैं। इसके अलावा और भी कई शुभ तिथियां, शुभ मुहूर्त और नक्षत्र नीचे दिए गए हैं- 

1. 2 जुलाई 2025, बुधवार

    - समय: सुबह 07:10 बजे से दोपहर 01:55 बजे तक

    - नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी

2. 4 जुलाई 2025, शुक्रवार

    - समय: शाम 06:35 बजे से रात 10:10 बजे तक

    - नक्षत्र: चित्रा

3. 17 जुलाई 2025, गुरुवार

    - समय: सुबह 10:48 बजे से शाम 05:35 बजे तक

    - नक्षत्र: रेवती

4. 31 जुलाई 2025, गुरुवार

    - समय: सुबह 07:38 बजे से दोपहर 02:20 बजे तक

    - नक्षत्र: चित्रा

5. 31 जुलाई 2025, गुरुवार

    - समय: शाम 04:40 बजे से रात 09:50 बजे तक

    - नक्षत्र: चित्रा

नोट: 31 जुलाई को दो अलग-अलग समयों पर अन्नप्राशन मुहूर्त है, दोनों ही समय शुभ माने गए हैं।

अन्नप्राशन संस्कार का महत्व

अन्नप्राशन संस्कार, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, बच्चे के जीवन में सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य का संचार करने का एक तरीका है। यह संस्कार बच्चे को पहली बार अन्न चखाने के लिए किया जाता है, जो उसके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत करता है। वैदिक शास्त्रों में अन्न को जीवन का प्राण बताया गया है, और यह जीवन के लिए आवश्यक है। अन्न शुद्धि और आहार शुद्धि सबसे महत्वपूर्ण है, और आज के समय में लोगों को इसका ध्यान रखना चाहिए ताकि वे स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकें।

........................................................................................................
चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me Bhakto)

लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से,
उसे भोले शंकर ने अपना बनाया ।

चलती है सारी श्रष्टी, महाकाल के दर से (Chalti Hai Saari Srishti Mahakal Ke Dar Se)

चलती है सारी श्रष्टी,
महाकाल के दर से ॥

छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना (Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana)

छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना

बिना राम रघुनंदन के, कोई नहीं है अपना रे (Bina Ram Raghunandan Ke Koi Nahi Hai Apna Re)

बिना राम रघुनंदन के,
कोई नहीं है अपना रे,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang