Aaj Ka Panchang 01 March 2025 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र और साध्य योग के साथ सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा मीन राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 02 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल सुबह 09 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 15 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन शनिदेव की पूजा विधि रूप से करें। साथ ही आज फुलेरा दूज का व्रत भी रखा जा रहा है। जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। इसलिए आज इनकी पूजा विधिवत रूप से करें। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज शनिवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। यह मन, माता, भौतिक सुख और भावनात्मक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा का परिवर्तन सभी राशियों को प्रभावित करता है। कुछ राशियों को लाभ होता है, जबकि अन्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 1 मार्च 2025 को सुबह 5 बजकर 57 मिनट पर चंद्रमा मीन राशि में गोचर करेगा। चंद्रमा लगभग सवा दो दिनों तक मीन राशि में रहेगा।
01 मार्च को पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र और सिद्ध योग साथ-साथ साध्य योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा मीन राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा विधिवत रूप से करें। इससे कुंडली में स्थित शनिदोष से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही आज फुलेरा दूज का व्रत भी रखा जा रहा है। जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। इस दिन श्रीकृष्ण और राधे की पूजा करने से व्यक्ति के शुभ विवाह के योग बन सकते हैं और सौभाग्य में भी वृद्धि हो सकती है।
आज पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। आज शनिवार का दिन है। जो शनिदेव को समर्पित है। इस दिन शनिदेव की पूजा-पाठ अवश्य करें। आपको बता दें, इस दिन फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाएगा, जो ब्रज में होली के आगमन का प्रतीक है। इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
यह होली के आगमन का संकेत देता है। इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन विवाह आदि मांगलिक कार्यो के लिए कोई मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है।
सालभर के इंतजार के बाद फिर एक बार दिवाली का पर्व पूरे देशभर में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है।
दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
दिवाली के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान गणेश जी की पूजा भी की जाती है। गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है, जबकि मां लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं।
दिवाली पर हम अपने घर में देवी लक्ष्मी के आगमन और उनकी पूजा की पूरी तैयारियां करते हैं। लेकिन मान्यताओं के अनुसार पूजा तभी सफल मानी जाती है जब दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ गणेश और भगवान कुबेर का विधिवत पूजन किया जाता है।