दिवाली पर हम अपने घर में देवी लक्ष्मी के आगमन और उनकी पूजा की पूरी तैयारियां करते हैं। लेकिन मान्यताओं के अनुसार पूजा तभी सफल मानी जाती है जब दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ गणेश और भगवान कुबेर का विधिवत पूजन किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार कुबेर देवता की पूजा धन-धान्य की प्राप्ति के लिए की जाती है। मां लक्ष्मी धन की देवी है लेकिन कुबेर देवता सभी देवताओं को कोषाध्यक्ष हैं। इसलिए लक्ष्मी और गणेश जी के साथ ही कुबेर जी की पूजा की जानी अनिवार्य है। तो चलिए दिवाली पर कुबेर जी की पूजा विधि के बारे में जानते हैं…
दिवाली के दिन कुबेर जी की पूजा करना हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुबेर को देवताओं के धन का कोषाध्यक्ष कहा जाता है और वे धनपति भी हैं। उनके पास धन का अक्षय भंडार है, जो कभी खत्म नहीं होता है। दिवाली के दिन उनकी पूजा से घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
वहीं माता लक्ष्मी धन और वैभव की देवी हैं लेकिन मां चंचला हैं। वे अधिक समय तक एक जगह स्थिर नहीं होती हैं। यही वजह है कि लोग धनतेरस और दिवाली पर कुबेर की पूजा करते हैं। ताकि उन्होंने जो धन-संपत्ति अर्जित की है, वह कम न हो। उसमें बढ़ोतरी हो और वह संरक्षित रहे। कुबेर की कृपा से घर में धन का भंडार हमेशा भरा रहता है।
आप इस तरह दिवाली के दिन कुबेर जी की पूजा कर सकते हैं। दिवाली के दिन कुबेर पूजा करने से आपके जीवन में धन और समृद्धि की वृद्धि होगी। आपको सुख और शांति की प्राप्ति होगी। इसके अलावा भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा विधि भी आप भक्तवत्सल की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।
हाँ माँ हो तो ऐसी हो ऐसी हो
ऐसी हो काली मैय्यां तेरे जैसी हो
माँ का है जगराता,
माँ को आज मनाएंगे,
माँ का नाम जपे जा हर पल,
लागे ना कोई मोल रे,
जहाँ पे बिन मांगे,
पूरी हर मन्नत होती है,