मंगलदेव की पूजा किस विधि से करें?

मंगलवार के दिन इस विधि से करें मंगलदेव की पूजा, बनेंगे बिगड़े हुए काम 


ज्योतिष शास्त्र में मंगलदेव को युद्ध का देवता कहा जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को ऊर्जा और साहस मिलती है। वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल उच्च स्थिति मे होते हैं, तो उन्हें मांगलिक कहा जाता है। मंगलदेव की कृपा से मांगलिक जातक बेहद सौभाग्यशाली भी माने जाते हैं। मंगलवार के दिन मंगलदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को बार-बार काम में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो मंगलवार के दिन मंगलदेव की पूजा विधिवत रूप से करनी चाहिए। अब ऐसे में मंगलदेव की पूजा किस विधि से करें और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं। 


मंगलदेव की पूजा के लिए सामग्री क्या लगेगा?


  • मंगल देव की धातु या पत्थर की मूर्ति 
  • अक्षत
  • कुमकुम
  • रोली
  • हल्दी
  • फूल
  • धूप
  • दीपक
  • नैवेद्य
  • पान का पत्ता
  • गंगाजल
  • कलावा
  • हवन सामग्री


मंगलदेव की पूजा की विधि

 

मंगल देव की पूजा करने से शक्ति, साहस और सफलता मिलती है। इसलिए इनकी पूजा विधिवत रूप से करें। 


  • शुद्धिकरण - सबसे पहले पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके गंगाजल से शुद्ध करें।
  • विग्रह स्थापना - मंगल देव की मूर्ति या तस्वीर को एक साफ चौकी पर स्थापित करें।
  • आसन - मूर्ति के सामने एक आसन बिछाएं।
  • स्नान - मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • अर्पण - फूल, अक्षत, रोली, कुमकुम, हल्दी आदि से मंगलदेव की पूजा-अर्चना करें।
  • धूप-दीप - मंगलदेव के सामने धूप और दीपक जलाएं।
  • नैवेद्य - मंगल देव को प्रिय लाल रंग के फूल, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
  • मंत्र-जाप - मंगलवार के दिन मंगलदेव की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप अवश्य करें। 
  • ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
  • ॐ हनुमते नमः 
  • आरती - पूजा करने के बाद मंगलदेव की आरती जरूर करें। 
  • मंगलवार के दिन मसूर की दाल का दान करने से मंगल दोष शांत होता है।


हनुमान जी को भी मंगल देव का रूप माना जाता है। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी लाभ होता है।

लाल रंग मंगलदेव को बेहद प्रिय है। इसलिए लाल वस्त्र, फूल आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है।


मंगलदेव की पूजा करने के नियम 


  • मंगलवार को मंगल देव का दिन माना जाता है। इस दिन पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
  • मंगल देव को दक्षिण दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है।
  • मंगलदेव की पूजा करने के दौरान लाल वस्त्र ही पहनें। 


मंगलदेव की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ


 मंगल देव को शक्ति और साहस का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति में शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती आती है। मंगल देव की कृपा से व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता प्राप्त होती है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके लिए मंगल देव की पूजा बहुत लाभदायक होती है। यह दोष व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य और करियर को प्रभावित कर सकता है। मंगल देव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इतना ही नहीं संतान प्राप्ति में आ रही समस्याओं के लिए भी मंगल देव की पूजा की जाती है। मंगल देव की पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।


........................................................................................................
मरना है तो एक बार मरो (Marna Hai Too Ek Bar Maro)

मरना है तो एक बार मरो,
फिर चौरासी में पड़ना क्या,

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)

प्रथम वंदनीय गणेशजी को समर्पित मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना का विशेष महत्व है।

अवध बिहारी हो, हम आए शरण तिहारी (Awadh Bihari Ho,Hum Aaye Sharan Tihari)

अवध बिहारी हो,
हम आए शरण तिहारी,

सात्विक नियम पढ़ने के नियम क्या हैं

सात्विक मंत्र साधना में शुद्धि, शांति, और उन्नति का विशेष महत्व है। इसका उद्देश्य भौतिक इच्छाओं से मुक्त होकर ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने