ज्योतिष शास्त्र में मंगलदेव को युद्ध का देवता कहा जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को ऊर्जा और साहस मिलती है। वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल उच्च स्थिति मे होते हैं, तो उन्हें मांगलिक कहा जाता है। मंगलदेव की कृपा से मांगलिक जातक बेहद सौभाग्यशाली भी माने जाते हैं। मंगलवार के दिन मंगलदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को बार-बार काम में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो मंगलवार के दिन मंगलदेव की पूजा विधिवत रूप से करनी चाहिए। अब ऐसे में मंगलदेव की पूजा किस विधि से करें और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं।
मंगल देव की पूजा करने से शक्ति, साहस और सफलता मिलती है। इसलिए इनकी पूजा विधिवत रूप से करें।
हनुमान जी को भी मंगल देव का रूप माना जाता है। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी लाभ होता है।
लाल रंग मंगलदेव को बेहद प्रिय है। इसलिए लाल वस्त्र, फूल आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है।
मंगल देव को शक्ति और साहस का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति में शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती आती है। मंगल देव की कृपा से व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता प्राप्त होती है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके लिए मंगल देव की पूजा बहुत लाभदायक होती है। यह दोष व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य और करियर को प्रभावित कर सकता है। मंगल देव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इतना ही नहीं संतान प्राप्ति में आ रही समस्याओं के लिए भी मंगल देव की पूजा की जाती है। मंगल देव की पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
छठ पूजा भारतीय सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्यदेव और छठी माता को समर्पित है। इस पूजा में ठेकुआ एक प्रमुख प्रसाद होता है।
छठ पूजा भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। विशेष रूप से बिहार और इसके आसपास के क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मईया की आराधना का प्रतीक है।
छठ को प्रकृति की पूजा के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को सबसे कठिन पर्वों में से एक माना गया है। इसमें स्वच्छता और पवित्रता को बनाए रखना होता है। इस वर्ष छठ पूजा की शुरुआत 05 नवंबर से नहाय-खाय के साथ हो रही है।
बिहार या कहें खासकर भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए छठ पूजा सदियों से चली आ रही एक ऐसी प्रथा है जिसमें भारतीय संस्कृति और आपसी प्रेम भाव का बोध होता है।