नए ऑफिस की पूजा विधि

Office Pooja Vidhi: नया ऑफिस शुरू करने से पहले करें पूजा, आएगी आर्थिक उन्नति, जानें पूजा विधि


नया ऑफिस हर व्यवसाय और व्यक्ति के लिए एक बड़ा कदम होता है। जब कोई नया ऑफिस खोलता है, तो वह निश्चित रूप से चाहता है कि उसका व्यापार फले-फूले और उसे अधिक लाभ मिले। हिंदू धर्म में मान्यता है कि किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले भगवान का आशीर्वाद लेना शुभ होता है। ऐसा करने से ईश्वरीय कृपा बनी रहती है, जिससे उन्नति और सुख-समृद्धि आती है। भारतीय संस्कृति में भी किसी नए स्थान या कार्य की शुरुआत से पहले पूजा करना शुभ माना जाता है। आइए, जानते हैं नए ऑफिस की स्थापना पूजा के महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में।



ऑफिस और दुकान के किस स्थान पर पूजा करें?


वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऑफिस या दुकान में पूजा के लिए ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को सबसे शुभ माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिशा में की गई पूजा फलदायी होती है और व्यापार की उन्नति में सहायक होती है। इसके अलावा, आप पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुख करके भी पूजा कर सकते हैं।



दुकान और ऑफिस की पूजा विधि:


  1. सबसे पहले पूजा स्थान को साफ करें और वहां स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर एक चौकी स्थापित करें।
  2. चौकी पर गंगाजल छिड़ककर, उस पर साफ कपड़ा बिछाएं।
  3. इसके बाद चौकी पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान की मूर्तियां स्थापित करें।
  4. चौकी के बगल में कलश रखें और सबसे पहले कलश पूजन करें।
  5. दीप जलाकर भगवान गणेश की पूजा करें।
  6. भगवान गणेश को रोली, मोली, चावल और दुर्वा अर्पित करें। माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान की भी पूजा करें।
  7. अंत में सभी देवी-देवताओं को माला पहनाएं और मिठाई का भोग लगाएं।
  8. दक्षिणा के रूप में कुछ पैसे अर्पित करें और अंत में खड़े होकर गणेश जी और माता लक्ष्मी की आरती करें।



नए ऑफिस या दुकान की पूजा के लाभ:


  • पूजा करवाने से ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • व्यापार में बरकत होती है और लाभ में वृद्धि होती है।
  • ऑफिस के कर्मचारियों के बीच अच्छा तालमेल बना रहता है।
  • व्यापार में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और आर्थिक उन्नति होती है।

........................................................................................................
नमामि-नमामि अवध के दुलारे(Namami Namami Awadh Ke Dulare)

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल सखी री बड़ो प्यारो है (Mero Choto So Laddu Gopal Sakhi Ri Bado Pyaro Hai)

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।

मत कर तू अभिमान रे बंदे (Mat Kar Tu Abhiman Re Bande)

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।

झंडा बजरंग बली का (Jhanda Bajrangbali Ka)

लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने