हिंदू धर्म में शनिदेव को कर्मफलदाता कहा जाता है। इनके पास व्यक्ति के सभी कर्मों का लेखा-जोखा रहता है और उसी के हिसाब से व्यक्ति को शुभ और अशुभ परिणाम मिलते हैं। ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शनिदोष से छुटकारा मिल जाता है और जीवन में चल रही सभी परेशानियां भी दूर हो जाती है।
आपको बता दें, शनिदेव की पूजा शनिवार के दिन करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को रंग से राजा भी बना सकते हैं। अगर व्यक्ति ने अच्छे कर्म किए हों। अब ऐसे में अगर आप शनिवार के दिन शनिदेव की कर रहे हैं, तो किस विधि से करना उत्तम माना जाता है। पूजा सामग्री क्या है और शनिदेव की पूजा किस समय करना सही है। इसके बारे में विस्तार से इस लेख में जानते हैं।
अगर आप शनिदेव की पूजा कर रहे हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शनिदेव की प्रतिमा के सामने पूजा न करें और उनकी आंखों में न देखें। इससे साढ़ेसाती दोष लग सकता है।
शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है और शनिदेव की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में करें या फिर सूर्यास्त के बाद करें। इस समय करना शुभ माना जाता है।
शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति के किए गए बुरे कर्मों का शुद्धिकरण होता है और अच्छे कर्मों का फल मिलता है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को जीवन में आने वाले दुःखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। शनिदेव की पूजा करने से कई तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और धन में वृद्धि होती है। शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को नौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है तो शनिदेव की पूजा करने से उस दोष का निवारण होता है।
हिंदू धर्म में हर एक दिन का एक खास और अलग-अलग महत्व होता है। इन्हीं में से एक दिन सोमवार का है, जो देवों के देव महादेव को समर्पित है। बता दें कि सोमवार का दिन शिव जी की पूजा और उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
सनातन धर्म में मंगलवार के दिन का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मंगलवार का दिन बजरंगबली को बहुत ही प्रिय है। इस दिन मंगल देवता और भगवान हनुमान जी की पूजा करने का विधान है।
सनातन धर्म में प्रत्येक दिन का अपना एक खास और अलग महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी या देवता को समर्पित होता है।
हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवी-देवता के नाम समर्पित किया गया है। आपको बता दें कि गुरुवार यानी बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है।