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गगन जी का टिल्ला, होशियारपुर (Gagan Ji Ka Tilla, Hoshiarpur, Punjab)

गगन जी का टिल्ला, होशियारपुर (Gagan Ji Ka Tilla, Hoshiarpur, Punjab)

अज्ञातवास के दौरान हर पूर्णिमा को यहां दर्शन करने पहुंचते थे पांडव, अपनी पहचान भी इसी जगह बदली थी


गगन जी का टिल्ला मंदिर भारत के पंजाब प्रांत के होशियारपुर जिले में स्थित है। यह मंदिर पंजाब में सबसे ऊंचाई पर स्थित तीर्थ स्थान है। मान्यता है कि इस मंदिर पांडवों ने अज्ञातवास पर जाने से पहले यहां भगवान शिव की पूजा की थी और यही पर अपना भेष बदलकर यहीं से विराट नगर गए थे। 


श्रीकृष्ण के कहने पर यहां आए थे पाडंव

 

इस प्राचीन मंदिर का इतिहास पांडवों से जुड़ा हुआ है। दंत कथा के अनुसार, अज्ञातवास काटने से पहले भगवान श्रीकृष्ण जी ने पांडवों को सुनसान घने जंगल में जाकर शिव शंकर जी की पूजा अर्चना करने को कहा था। तब पांडवों ने इस घने जंगल में द्रौपदी के साथ आकर शिवजी की पूजा की। पूजा से खुश होकर भगवान शिव शंकर ने शिवलिंग के रूप में दर्शन दिए जो आज भी मंदिर में स्थित है।


प्रत्येक पूर्णिमा पर पांडव करते थे पूजा 


अज्ञातवास के दौरान पांडव प्रत्येक पूर्णिमा वाले दिन इस जंगल में आकर शिवलिंग के दर्शन करके पूजा करते रहे। धीरे-धीरे ये बात आसपास के गांवों में लोगों तक पहुंच गई तो लोग भी दर्शन करने के लिए आने लगे। अब जंगल की पहाड़ियों को काट कर शिवलिंग वाले स्थान पर आकर्षक मंदिर बना हुआ है और मंदिर के रखरखाव के लिए कमेटी गठित की गई है। इस मंदिर में सावन के महीने में हर रोज हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। सावन महीने के दौरान हर रोज यहां पर लंगर लगाए जाते है। 


776 सीढ़ियां चढ़ने पर मिलते हैं महादेव के दर्शन 


मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 766 सीढ़ियों को चढ़ना पड़ता है लेकिन हर किसी के लिए सीढ़ियां चढ़ना संभव नहीं हैं। इस परेशानी को देखते हुए ऊपर जाने के लिए जिप्सी की व्यवस्था कर दी गई है। आधी सीढ़ियां चढ़ने के बाद ही शिव जी का विशाल मंदिर दिखाई देने लगता है। मंदिर के एक तरफ हरियाली ही हरियाली है और दूसरी तरफ पहाड़ियां है। ये मंदिर दसूजा से 15 किलोमीटर, हाजीपुर से 6 किलोमीटर एवं दातारपुर से 7 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ की चोटी पर स्थित है। जब कोई भक्त इस मंदिर के दर्शन करता है तो कैलाश पर्वत के जैसा अनुभव होता है।


शिवरात्रि पर पहुंचते है लाखों श्रद्धालु


शिवरात्रि को यहां लगने वाले मेले में दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान भोले का आशीर्वाद लेने पहुंचते है। सावन महीने में दसूजा, दातारपुर, हाजीपुर एवं अन्य शहरों से निशुल्क बसों से सुबह 3 बजे से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवपूजन करते हैं। 


कैसे पहुंचे मंदिर


हवाई मार्ग - यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और लुधियाना है। जो होशियारपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। यहां से आप टैक्सी ये बसे के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग - होशियारपुर शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यहां से आप टैक्सी, ऑटो रिक्शा या पैदल चलकर मंदिर पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग - लुधियाना से होशियारपुर की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यात्रा करने पर लगभग 1 ये डेढ़ घंटे का समय लग सकता है। आप बस से आसानी से यात्रा कर सकते है।


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सूर्य प्रार्थना

प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।

छठ मंत्र (Chhath Mantra)

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

कांच ही बांस के बहंगिया (Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya)

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बहंगी लचकति जाए।

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