श्री रामतीर्थ, अमृतसर ( (Shri Ram Tirath Temple, Amritsar, Punjab)

दर्शन समय

6 AM - 8 PM

रामतीर्थ में माता-सीता ने लवकुश को दिया था जन्म, यहीं हुई रामायण की रचना, सरोवर में स्नान से मिलता है संतान सुख


उत्तरी भारत के पंजाब राज्य में अमृतसर से 11 किमी दूर अमृतसर-चौगावा रोड पर प्राचीन व ऐतिहासिक धार्मिक स्थल श्री रामतीर्थ मंदिर स्थित है। ये मंदिर भगवान राम को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग में यहां वाल्मीकि जी का आश्रम था। यही पर माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया है। यहां पर लव कुश का पालन पोषण हुआ था। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना भी यहीं की थी। इसी आश्रम में उन्होंने लव और कुश को शस्त्र चलाने की शिक्षा भी दी थी। जब राम जी ने अश्वमेध यज्ञ के लिए घोड़ा छोड़ा था, तब इसी स्थान पर लव कुश ने उस घोड़े को पकड़ा था और राम जी से युद्ध भी किया था। 


वाल्मीकि की 8 फीट ऊंची गोल्ड प्लेटेड प्रतिमा


श्रीराम तीर्थ मंदिर भगवान राम को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि यहां महर्षि वाल्मीकि का आश्रम और एक कुटिया थी, इसलिए इसे वाल्मीकि तीर्थ मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां वाल्मीकि की 8 फीट ऊंची गोल्ड प्लेटेड प्रतिमा स्थापित की गई है। 


बावड़ी में स्नान से होती है संतान की प्राप्ति 


इस मंदिर के पास ही एक सरोवर है, जिसे बहुत पावन माना जाता है। मान्यता है कि इस सरोवर को हनुमान जी ने खोदकर बनाया था। इस सरोवर की परिधि 3 किमी है। सरोवर में स्नान करने के पश्चात भक्त इस सरोवर की परिक्रमा करते हैं। यहां प्राचीन बावड़ी भी है, माना जाता है कि सीता माता यहां स्नान किया करती थी। इस बावड़ी में स्नान कर महिलाएं संतान प्राप्ति की प्रार्थना करती है।


रामतीर्थ का वार्षिक मेला देश भर में प्रसिद्ध 


रामतीर्थ मेला चार से पांच दिन तक चलने वाला वार्षिक मेला है, जो नवंबर महीने में पूर्णिमा के दिन रामतीर्थ परिसर में आयोजित किया जाता है। ये शहर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। मेले के दौरान, तीर्थयात्री पूर्णिमा की सुबह मंदिर में पवित्र तालाब में डुबकी लगाने के लिए आते है। हर साल करीब 10 लाख तीर्थयात्री रामतीर्थ मेले में आते हैं। 


कैसे पहुंचे मंदिर


हवाई मार्ग - श्री रामतीर्थ पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा अमृतसर है। यहां से आप टैक्सी या ऑटो के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग - अमृतसर रेलवे स्टेशन से श्री रामतीर्थ की दूरी 24 किलोमीटर है। यहां से आप लोकल वाहन लेकर मंदिर पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग - यात्रा करने के लिए व्यक्तिगत वाहन से बेहतर क्या हो सकता है। यहां के लिए आपको बेहतर सड़के मिलेगी जिससे आप आसानी से मंदिर तक का सफर तय कर सकते हैं।

हॉप ऑन हॉप ऑफ बस - ये उन सुविधाजनक तरीकों में से एक है जो आपको समय की चिंता किये बिना अमृतसर के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की अनुमति देता है। ये 250 से 1700 तक के विभिन्न पैकेज में उपलब्ध है।

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