पंच मंदिर, कपूरथला, पंजाब (Panch Mandir, Kapurthala, Punjab)

दर्शन समय

6 AM - 9 PM

पंच मंदिर की सूर्य प्रतिमा पर रोज सुबह पड़ती हैं सूर्य की किरणें, सवा साल पुराना है मंदिर का इतिहास


मंदिर के बारे में


पंजाब राज्य के सबसे पूजनीय स्थानों में से एक, कपूरथला शहर में पंच मंदिर कई देवी-देवताओं के समर्पित है। पंच मंदिर कपूरथला की एक  पहचान है, जो पूरे राज्य के कई भक्तों को दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आकर्षित करता है। यह भारत का दूसरा ऐसा मंदिर है जहां सूर्य भगवान की प्रतिमा पर हर सुबह सूरज की किरणें सीधे पड़ती है। यहां भगवान सूर्य की प्रतिमा की पूजा की जाती है।


कपूरथला के राजा ने करवाया था मंदिर का निर्माण


पंच मंदिर का इतिहास करीबन सवा सौ साल पुराना है। पंच मंदिर विभिन्न हिंदू देवी देवताओं को समर्पित पांच छोटे-छोटे मंदिरों का अद्भुत संगम है। महाराजा कपूरथला फतेह सिंह अहलूवालिया के शासनकाल के दौरान बनाया गया ये मंदिर ऐतिहासिक वास्तुकला की मनमोहक झलक पेश करता है।


मंदिर के रजत द्वार से पांचों मंदिर के दर्शन मिलते हैं


इस मंदिर की एक अद्भुत बात ये है कि इसके मुख्य रजत द्वार से एक भक्त सभी मूर्तियों को प्रणाम कर सकता है। इसका मुख्य प्रवेश कुछ इस तरह से बनाया गया है कि श्रद्धालु मंदिर के बाहर सड़क से ही इसके द्वार से एक नजर में सभी पांचों मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर में भगवान ब्रह्माजी की दुर्लभ प्रतिमा भी देखी जा सकती है।


पंच मंदिर अपनी खूबसूरत सफेद संरचना के साथ चांदनी रात में बहुत सुंदर दिखता है। पवित्र मंदिर व्यक्ति को आनंद और संतुष्टि देता है। पंच मंदिर को स्वर्णिम अतीत का एक वास्तुशिल्प चमत्कार कहा जा रहा है। पंच मंदिर के गर्भगृह के मध्य में विशाल संरचना कई छोटे मंदिरों से घिरी हुई है।


कोर्णाक के बाद दूसरा सूर्य मंदिर


पंच मंदिर पुरातत्वविदों के लिए भी एक प्रसिद्ध स्थान है। कपूरथला का पंच मंदिर हमेशा श्रद्धालुओं से भरा रहता है। भारत में ऐसे सिर्फ दो ही मंदिर है जिनमें भगवान सूर्य की प्रतिमा की पूजा की जाती है। पहला कोणार्क का सूर्य मंदिर है। इस पंच मंदिर में भगवान ब्रह्माजी की दुर्लभ प्रतिमा भी देखी जा सकती है।


मंदिर परिसर में अद्भुत प्रतिमाएं


मंदिर परिसर में शिवलिंग, राम दरबार, लक्ष्मी नारायण, राधा कृष्ण जी, बाबा बालक नाथ जी, हनुमान जी, शनिदेव जी, मां दुर्गा, मां काली की मूर्ति स्थापित है। है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि एवं कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पूजा कर भोले बाबा से परिवार की खुशहाली की कामना करते है। 


सावन में मिलता है मनचाहा फल


इस मंदिर में श्रावण मास से पूजा करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। इस वजह से मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का स्थल बन गया है। वहीं इस मंदिर में नवरात्र में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। सुबह व शाम श्री दुर्गा स्तुति के पाठ होते है। 


मंदिर कैसे पहुंचे


हवाई मार्ग - पंच मंदिर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अमृतसर है। जो देश के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग - भारत के विभिन्न प्रमुख शहरों से कपूरथला के लिए ट्रेने उपलब्ध है। कपूरथला शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यहां से आप स्थानीय टैक्सी या ऑटो करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग - शहर में सड़के अच्छी है और बस सेवाओं का एक विशाल नेटवर्क है जो इसे भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। शहर में घूमने के लिए कोई रिक्शा, टैक्सी या कार किराए पर ले सकता है


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