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डम डम डम डमरू वाला, शिव मेरा भोला भाला (Dam Dam Dam Damru Wala Shiv Mera Bhola Bhala)

डम डम डम डमरू वाला, शिव मेरा भोला भाला (Dam Dam Dam Damru Wala Shiv Mera Bhola Bhala)

डम डम डम डमरू वाला,

शिव मेरा भोला भाला,

गौरा है संग विराजे,

गोदी में गणपति लाला,

शिव सा ना दानी कोई,

शिव सा ज्ञानी कोई,

शिव जी के दर पे आजा,

हो के मतवाला,

डम डम डम डमरूँ वाला,

शिव मेरा भोला भाला ॥


बम बम भोले बम बम भोले,

करते दर जो आए तेरे,

दर से मेरे भोले बाबा,

रोता रोता जो भी आए,

हंसता हंसता जाए,

तेरे दर से मेरे भोले बाबा,

तेरी पूजा करे ध्यान तेरा धरे,

शिव शम्भु है बन जाता,

उसका रखवाला,

डम डम डम डमरूँ वाला,

शिव मेरा भोला भाला ॥


हे विषधारी हे त्रिपुरारी,

तीनो लोक में गूंजे बाबा,

जय जयकार तुम्हारी,

हे गंगाधर हे महेश्वर,

हम है तेरे बच्चे,

भोले रखना लाज हमारी,

तेरी छाया तले सारा जीवन चले,

शिव के ही नाम की फेरे,

सारा जग माला,

डम डम डम डमरूँ वाला,

शिव मेरा भोला भाला ॥


मोह माया को छोड़ के सारी,

तेरा नाम जो जपले बाबा,

तू उसका हो जाता,

नीलकंठधारी भोले की,

बरसे जिसपे माया,

उसको दुःख ना कोई सताता,

शिव की जय जय करे,

भोले संकट हरे,

शिव की भक्ति का पि ले,

तू अमृत प्याला,

डम डम डम डमरूँ वाला,

शिव मेरा भोला भाला ॥


डम डम डम डमरू वाला,

शिव मेरा भोला भाला,

गौरा है संग विराजे,

गोदी में गणपति लाला,

शिव सा ना दानी कोई,

शिव सा ज्ञानी कोई,

शिव जी के दर पे आजा,

हो के मतवाला,

डम डम डम डमरूँ वाला,

शिव मेरा भोला भाला ॥

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गुप्त नवरात्रि कथा

2025 में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। ऐसे में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी।

माघ गुप्त नवरात्रि के उपाय

साल में दो बार गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। गुप्त नवरात्र मां दुर्गा को समर्पित पर्व है। इस दौरान लोग 10 महाविद्याओं की उपासना करते हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

मौनी अमावस्या पर पितरों का आशीर्वाद

मौनी अमावस्या पर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता है।

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