हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिए,
सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिए,
सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए,
मुझको मेरी भक्ति का इनाम चाहिए,
हर जन्म में बाबा तेरा साथ चाहिए ॥
मेरी आंखों में तुम समाए हो,
सारी दुनिया में सबसे प्यारे हो,
मुझको तेरे प्यार की बरसात चाहिए,
मुझको बस इतनी सी सौगात चाहिए,
हर जन्म में बाबा तेरा साथ चाहिए,
सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिए ॥
मेरी दुनिया को तुम बसाए हो,
मेरे जीवन को तुम सजाए हो,
नाम तेरा होंठो पे दिन रात चाहिए,
जिक्र हो तेरा ही ऐसी बात चाहिए,
हर जन्म में बाबा तेरा साथ चाहिए,
सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिए ॥
मुझपे तेरी कृपा यूँ कम ना है,
फिर भी इक छोटी सी तमन्ना है,
जीते जी एक तुमसे मुलाकात चाहिए,
हर कदम पे बाबा तेरा प्यार चाहिए,
हर जन्म में बाबा तेरा साथ चाहिए,
सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिए ॥
हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिए,
सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिए,
सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए,
मुझको मेरी भक्ति का इनाम चाहिए,
हर जन्म में बाबा तेरा साथ चाहिए ॥
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन दिनों में विशेष पूजा, उपवास और साधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह साल में चार बार आती है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि को गृहस्थ लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जबकि माघ और आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
हर साल चैत्र नवरात्रि चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसका विशेष महत्व माना जाता है।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि जहां शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है, वहां मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है और संकटों के बादल कभी नहीं मंडराते, ऐसी मान्यता है।