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भाई दूज पर भूलकर भी न करें ये काम

भाई दूज पर भूलकर भी न करें ये काम

भाई दूज के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना नहीं मिलेगा लाभ 


भाई दूज का पर्व पांच दिवसीय दीपोत्सव का अंतिम दिन है। जिसे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक करती हैं, यमराज की पूजा करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। भाई अपनी बहन को उपहार देकर उनके प्रति अपने स्नेह का इजहार करते हैं। लेकिन इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। मान्यता है कि भाई दूज पर कुछ गलतियां करने से भाई-बहन के रिश्ते में तनाव हो सकता है। आइए इस लेख में उन गलतियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


इस दिन यमराज की होती है पूजा 


सनातन धर्म में भाई दूज का विशेष महत्व है। इस पर्व पर बहनें अपने भाई की दीर्घायु, सुख और सफलता की कामना के लिए यमराज की पूजा करती हैं। शुभ मुहूर्त में भाई का तिलक करने की परंपरा है। जिसके बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देकर आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो रिश्ते में खटास भी आ सकती है। इसलिए, भाई दूज के इस पावन पर्व पर बहनों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।


भाई दूज के दिन भूलकर भी ना करें ये गलतियां


  1. झगड़ा ना करें: भाई दूज भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन भाई-बहन को एक-दूसरे से किसी भी प्रकार का झगड़ा करने से बचना चाहिए। यह मान्यता है कि इस गलती से रिश्ते में दूरियां आ सकती हैं।
  2. तामसिक भोजन से बचें: भाई दूज के दिन मांस-मदिरा या किसी भी तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है और यह रिश्तों में नकारात्मकता ला सकता है।
  3. उपहार का निरादर ना करें: भाई द्वारा दिए गए उपहार का निरादर करना रिश्ते में दरार ला सकता है। इसलिए बहनें भाई के उपहार को आदरपूर्वक स्वीकारें और आभार प्रकट करें।
  4. तिलक से पहले भोजन ना करें: बहनों को इस दिन भाई का तिलक करने से पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिए। व्रत रखने के बाद ही भाई को तिलक करें और फिर भोजन करें। यह परंपरा रिश्ते में मजबूती लाती है।
  5. दिशा का रखें ध्यान: तिलक करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें। भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए, और बहनें पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करके बैठें।


भाई दूज पर क्या करें और क्या ना करें 


इस पर्व पर बहनों को अपने भाई का तिलक करने के बाद ही भोजन करना चाहिए। भाई दूज के दिन भाई को पान खिलाना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से बहन को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, बहनें भाई के प्रति सम्मान और स्नेह प्रदर्शित करने के लिए उपहार को आदर के साथ स्वीकार करें। बताते चलें कि भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक पर्व है। इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने रिश्ते को और भी प्रगाढ़ बना सकते हैं।


भाई दूज का शुभ मुहूर्त और तिथि


पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि का प्रारंभ 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा और इसका समापन 3 नवंबर 2024 को होगा। इस कारण भाई दूज का पर्व 3 नवंबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा।


अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:10 से 3:22 बजे तक

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:51 से 5:43 बजे तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 1:54 से 2:38 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:34 से 6 बजे तक


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