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अक्षय नवमी की तिथि और पूजा विधि

अक्षय नवमी की तिथि और पूजा विधि

Akshaya Navami 2025: इस साल कब मनाई जाएगी अक्षय नवमी, यहां जानें तिथि और पूजा विधि  

Akshaya Navami 2025: पंचांग के अनुसार, अक्षय नवमी हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि दीवाली के ठीक नौ दिन बाद आती है और इसे सतयुग का आरंभ दिवस भी कहा जाता है। साल 2025 में अक्षय नवमी का पर्व शुक्रवार, 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 38 मिनट से 10 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि और उपाय। 

आंवले के पेड़ के नीचे जलाएं घी का दीपक 

अक्षय नवमी के दिन सुबह स्नान करके आंवले के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करें, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उनका आंवले के पेड़ में वास होता हैं। इसके बाद जल, अक्षत, पुष्प और मिठाई अर्पित करें। फिर अंत में छमा प्रार्थना करने के बाद प्रसाद के रूप में मिठाई और आंवला खाएं। 

Akshaya navami ke din daan se prapt hoti hai अनंत फल 

  • आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु का ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जप करने से पापों का नाश होता है।
  • किसी गरीब या जरूरतमंद को वस्त्र, अन्न, और धन का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए सफेद पुष्प और चावल का अर्पण शुभ माना गया है।
  • साथ ही, घर में ताम्बे के पात्र में जल भरकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से समृद्धि बनी रहती है।

अक्षय नवमी की पूजा का फल कभी नहीं होता खत्म है

अक्षय नवमी को ‘आंवला नवमी’ और ‘सत्युगारंभ दिवस’ भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन सतयुग का प्रारंभ हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी दान-पुण्य, पूजा या व्रत कभी व्यर्थ नहीं जाता और उसका फल अक्षय रहता है। यह दिन व्यक्ति के जीवन से पाप और कष्टों को दूर करने वाला माना गया है। विशेष रूप से आंवले के वृक्ष की पूजा करने से धन, सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

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