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महालक्ष्मी व्रत की संपूर्ण पूजा विधि

महालक्ष्मी व्रत की संपूर्ण पूजा विधि

Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi: 16 दिनों तक ऐसे करें मां लक्ष्मी की साधना, जानें संपूर्ण पूजा विधि और सामग्री

Mahalaxmi Vrat 2025: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना गया है। मान्यता है कि उनकी विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में खुशहाली और सौभाग्य का वास होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल अष्टमी से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है और यह व्रत अश्विन मास की अष्टमी तक चलता है। कुल 16 दिनों तक चलने वाले इस व्रत में मां लक्ष्मी की विशेष आराधना की जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार महालक्ष्मी व्रत 30 अगस्त से आरंभ होकर 01 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान माता की पूजा, व्रत नियम और विशेष सामग्रियों का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसे में आइए जानते हैं संपूर्ण पूजा विधि और सामग्री के बारे में। 

महालक्ष्मी व्रत की पूजन सामग्री 

महालक्ष्मी पूजा सामग्री में फूल, दूब, अगरबत्ती, कपूर, इत्र, रोली, गुलाल, अबीर, अक्षत, लौंग, इलायची, बादाम, पान, सुपारी, कलावा, मेहंदी, हल्दी, टीकी, बिछिया, वस्त्र, मौसम का फल-फूल, पंचामृत, मावे का प्रसाद और सोलह श्रृंगार प्रमुख रूप से रखें।

महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि 

  • महालक्ष्मी व्रत के दौरान सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • मां को पंचामृत स्नान कराएं और फिर सिंदूर, कुमकुम और चंदन लगाएं।
  • धूप-दीप जलाकर मां की पूजा आरंभ करें।
  • फूलों की माला और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
  • एक पान में लौंग, सुपारी, बताशा, इलायची और सिक्का रखकर चढ़ाएं।
  • भोग लगाकर महालक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें।
  • अंत में आरती करें और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए माता से प्रार्थना करें।

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