Mahalaxmi Vrat 2025 Bhog: महालक्ष्मी व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और फलदायी व्रत माना गया है। यह व्रत धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। यह व्रत लगातार 16 दिनों तक किया जाता है। मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत श्रद्धा और नियमों के साथ करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि इस व्रत से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है, साथ ही परिवार में शांति और सौहार्द का वातावरण भी बना रहता है। वहीं, मां लक्ष्मी की आराधना करने से पापों का नाश होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अब सवाल यह उठता है कि इस विशेष व्रत के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कौन-सी चीजों का भोग लगाना चाहिए। आइए जानते हैं....
महालक्ष्मी व्रत में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग अर्पित करने का महत्व होता है। इनमें से सबसे प्रमुख है केसर वाली खीर। मान्यता है कि केसर की खीर माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इसलिए व्रत या पूजा के अवसर पर इसे अवश्य बनाया जाता है। मान्यता है कि जब मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाया जाता है, तो वे विशेष प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
महालक्ष्मी व्रत में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सिंघाड़े का भोग विशेष महत्व रखता है। धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी को सिंघाड़े के फल अत्यंत प्रिय हैं। जब भक्त पूरे श्रद्धा भाव से देवी को सिंघाड़े का भोग अर्पित करते हैं, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर-परिवार पर अपनी कृपा बरसाती हैं। साथ ही, आर्थिक तंगी दूर होती है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।
महालक्ष्मी व्रत के अवसर पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी भोग थाली को विशेष रूप से सजाना चाहिए। भोग में मौसमी फल और मिठाइयां अवश्य शामिल करें। धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी को नारियल, अनार, केला और सेब जैसे फल अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए इन्हें भोग थाली में रखना शुभ माना जाता है। साथ ही, देवी लक्ष्मी को सफेद रंग की मिठाइयां भी बहुत पसंद हैं।
महालक्ष्मी पूजन के दौरान भोग की थाली में बताशे अवश्य चढ़ाने चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी को बताशे अत्यंत प्रिय हैं। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। कहा जाता है कि भोग में बताशे अर्पित करने से शुक्र दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही दांपत्य जीवन में प्रेम और खुशहाली बनी रहती है।