Logo

मंगला गौरी व्रत के उपाय

मंगला गौरी व्रत के उपाय

Mangala Gauri Vrat Upay: विवाह में हो रही है देरी, तो मंगला गौरी व्रत के दिन इन आसान उपायों को अपनाएं

मंगला गौरी व्रत सावन माह के मंगलवार को विशेष रूप से मनाया जाता है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित होता है, जिनकी पूजा से विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता गौरी को अपने तप और समर्पण से भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने का वरदान प्राप्त हुआ था। इसलिए यह व्रत उन कन्याओं के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है जिनके विवाह में कोई कारणवश देर हो रही हो। मंगला गौरी व्रत के दिन कुछ विशेष उपाय करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

मिट्टी का घड़ा करें बहते जल में प्रवाहित 

एक शुद्ध मिट्टी का घड़ा लें और उसमें थोड़ा सा जल भरकर बहती हुई नदी या जलधारा में प्रवाहित करें। यह उपाय विशेष रूप से उन कन्याओं के लिए शुभ होता है जिनके विवाह में बिना किसी कारण के रुकावटें आ रही हों। इस प्रक्रिया से कुंडली में उपस्थित नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव कम होता है और विवाह के योग प्रबल होते हैं।

‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का करें जाप 

पूजन के समय ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। यह मंत्र भगवान शिव और माता गौरी के अटूट बंधन का प्रतीक है। इस मंत्र का जाप करने से आत्मबल बढ़ता है और देवी-देवताओं की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

लाल मसूर और लाल वस्त्र का करें दान 

गरीब और जरूरतमंदों को लाल मसूर की दाल और लाल रंग के वस्त्र का दान करने से वैवाहिक जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। लाल रंग मंगल ग्रह से संबंधित है, जो विवाह के मामलों में अत्यंत प्रभावशाली भूमिका निभाता है।

शहद का करें दान 

जरूरतमंदों को शहद का दान करने से वाणी में मिठास आती है और सामाजिक रिश्ते मजबूत होते हैं। यह उपाय विवाह की बातचीत में रुकावटें दूर करता है और अच्छे प्रस्तावों की प्राप्ति में मदद करता है।

........................................................................................................
जब जब भी तेरा प्रेमी आंसू कहीं बहाए(Jab Jab Bhi Tera Premi Aansu Kahin Bahaye)

जब जब भी तेरा प्रेमी,
आंसू कहीं बहाए,

जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला (Jari Ki Pagri Bandhe Sundar Ankhon Wala)

जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,

जय बजरंगी बोले, वो कभी ना डोले (Jay Bajrangi Bole Vo Kabhi Na Dole)

बोले बोले रे जयकारा,
जो बाबा का बोले,

जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं(Jab Jab Hum Dadiji Ka Mangalpath Karte Hai)

जब जब हम दादी का,
मंगल पाठ करते हैं,

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang