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5 June 2025 Panchang (5 जून 2025 का पंचांग)

5 June 2025 Panchang (5 जून 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 5 जून 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 5 June 2025: आज 5 जून 2025 को ज्येष्ठ माह का 25वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि दशमी है। आज गुरूवार का दिन है। इस तिथि पर रवि योग रहेगा। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:52 ए एम से 12:48 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 02:04 पी एम से 03:48 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आज गंगा दशहरा का पर्व है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 5 जून 2025

  • तिथि - दशमी
  • नक्षत्र - रोहिणी 
  • दिन/वार - गुरूवार 
  • योग - सिद्धि ( 09:14 ए एम तक), व्यतीपात
  • करण - तैतिल, गर और वणिज 

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी तिथि प्रारंभ - 11:54 पी एम तक, 4 जून 

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी तिथि समाप्त -  दशमी - 02:15 ए एम, जून 06 तक


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - वृषभ
  • चंद्र - कन्या


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:23 ए एम
  • सूर्यास्त -  07:17 पी एम 
  • चन्द्रोदय - 02:09 पी एम
  • चन्द्रास्त - 02:00 ए एम, जून 06  


आज का शुभ मुहूर्त और योग 5 जून 2025

  • रवि योग - पूरे दिन 
  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:02 ए एम से 04:43 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:52 ए एम से 12:48 पी एम
  • अमृत काल - 11:49 पी एम से 01:37 ए एम, जून 06
  • विजय मुहूर्त - 02:39 पी एम से 03:34 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:15 पी एम से 07:35 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:17 पी एम से 08:17 पी एम


आज का अशुभ मुहूर्त 5 जून 2025

  • राहु काल - 02:04 पी एम से 03:48 पी एम
  • गुलिक काल - 08:51 ए एम से 10:36 ए एम
  • यमगंड - 05:23 ए एम से 07:07 ए एम
  • दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - 01:02 पी एम से 02:50 पी एम
  • विडाल योग - पूरे दिन 


5 जून 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था, इसलिए इसे गंगा अवतरण दिवस भी कहा जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में, खासकर हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज और गंगोत्री जैसे तीर्थस्थलों पर बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।

इस दिन गंगा स्नान, गंगा जल से पूजा, और दान-पुण्य का अत्यधिक महत्व होता है। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने और गंगा जल का आचमन करने से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसी कारण इसे 'दशहरा' कहा गया है – यानी दस पापों से हरण करने वाली तिथि। इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान, ध्यान, दान और व्रत करने से जन्मों के पाप कटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही गंगा जल को घर में रखकर पूजने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शुद्धता बनी रहती है।

गुरूवार का व्रत - आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। 

गुरूवार के उपाय - गुरूवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान बृहस्पति की पूजा करना शुभ माना जाता है। गुरूवार के दिन पीले वस्त्र धारण करने, पीले फल और पीले फूलों का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा इस दिन विद्या और ज्ञान की पूजा करने से भी ज्ञान में वृद्धि होती है। गुरूवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।


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कालाष्टमी व्रत तिथि 2025

हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा के रूप में मनाया जाता है।

अपरा एकादशी की तिथि 2025

सनातन धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में हर एकादशी का व्रत अलग-अलग नाम और महत्व के साथ आता है, उनमें से एक अपरा एकादशी है।

अपरा एकादशी व्रत कथा

अपरा एकादशी का व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु के समर्पण और कृपा प्राप्त करने के सर्वोत्तम दिन के रूप में जाना जाता है।

अपरा एकादशी राशि परिवर्तन

इस साल अपरा एकादशी 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है।

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