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7 July 2025 Panchang (07 जुलाई 2025 का पंचांग)

7 July 2025 Panchang (07 जुलाई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 07 जुलाई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 07 July 2025: आज 07 जुलाई 2025 को आषाढ़ माह का 27वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वादशी है। आज सोमवार का दिन है। सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:58 ए एम से 12:54 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 07:14 ए एम से 08:58 ए एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। देवशयनी एकदाशी का पारण और वासुदेव द्वादशी का पर्व है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 07 जुलाई 2025

  • तिथि- द्वादशी
  • नक्षत्र - अनुराधा और ज्येष्ठा 
  • दिन/वार- सोमवार 
  • योग- शुभ और शुक्ल
  • करण- बव, बालव और कौलव 

आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि प्रारंभ- 09:14 ए एम से 

आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि समाप्त- 11:10 पी एम तक

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - मिथुन
  • चंद्र - वृश्चिक 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- 05:29 ए एम
  • सूर्यास्त- 07:23 पी एम
  • चन्द्रोदय- 04:36 पी एम
  • चन्द्रास्त- 02:50 ए एम, जुलाई 08

आज का शुभ मुहूर्त और योग 07 जुलाई 2025

  • सर्वार्थसिद्धि योग - 05:29 ए एम से 01:11 ए एम, जुलाई 08
  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:08 ए एम से 04:49 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:58 ए एम से 12:54 पी एम 
  • अमृत काल- 01:43 पी एम से 03:29 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:44 पी एम से 03:40 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:21 पी एम से 07:42 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:23 पी एम से 08:23 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 07 जुलाई 2025

  • राहु काल - 07:14 ए एम से 08:58 ए एम
  • गुलिक काल - 02:10 पी एम से 03:54 पी एम
  • यमगंड - 10:42 ए एम से 12:26 पी एम
  • आडल योग - नहीं है 
  • विडाल योग - नहीं है 
  • वर्ज्य - 06:57 पी एम से 08:36 पी एम 
  • गंड मूल - 01:11 ए एम, जुलाई 08 से 05:30 ए एम, जुलाई 08 
  • दिशाशूल - पश्चिम 

07 जुलाई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • सोमवार का व्रत - आज आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित है। 
  • सोमवार के उपाय - सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने, बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। सोमवार के दिन भगवान शिव के मंत्र "ऊं नमः शिवाय" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा सोमवार के दिन सफेद वस्त्र और चावल का दान करने से भी पुण्य मिलता है। इन उपायों को करने से भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-शांति और सफलता मिलती है और चंद्रमा के नकारात्मक प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है।

देवशयनी एकादशी पारण के नियम

देवशयनी एकादशी का पारण द्वादशी तिथि को ब्रह्ममुहूर्त के बाद और सूर्योदय से पहले कर लेना श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन यदि यह संभव न हो तो सूर्योदय के बाद उचित मुहूर्त में पारण किया जा सकता है। पारण से पहले व्रती को स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए, फिर तुलसी पत्र अर्पित कर भोग लगाकर स्वयं भोजन ग्रहण करें। पारण के समय सात्विक भोजन करें और व्रत के संकल्प का विधिवत समापन करें। यदि व्रती ने निराहार व्रत रखा हो, तो पारण में फलाहार या दूध से भी शुरुआत की जा सकती है। पारण समय में विलंब करने से व्रत का पुण्य कम हो सकता है।

वासुदेव द्वादशी का महत्व एवं उपाय

वासुदेव द्वादशी, देवशयनी एकादशी के अगले दिन मनाई जाती है और यह विशेष रूप से भगवान वासुदेव (श्रीशुक्ल) को समर्पित होती है। यह दिन विष्णु भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है, विशेष रूप से जो व्रत का पारण इसी दिन करते हैं। इस दिन भगवान श्रीशुक्ल के बाल स्वरूप की पूजा करना और उन्हें दूध, दही, मक्खन व मिश्री का भोग लगाना शुभ माना जाता है। “ॐ वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें और तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें। इस दिन गऊ, ब्राह्मण और गरीबों को भोजन या वस्त्र दान करने से विशेष पुण्य मिलता है और जीवन में सुख-शांति एवं संतुलन बना रहता है।

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चंद्रदेव को प्रसन्न करने के उपाय

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ख़ासकर, पौष मास की अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य, चंद्रदेव और श्रीहरि की विधिवत पूजा के साथ पिंडदान और तर्पण का विधान है।

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