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8 June 2025 Panchang (8 जून 2025 का पंचांग)

8 June 2025 Panchang  (8 जून 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 8 जून 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 8 June 2025: आज 8 जून 2025 को ज्येष्ठ माह का 27वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वादशी है। आज रविवार का दिन है। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा तुला राशि रहेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:52 ए एम से 12:48 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 05:33 पी एम से 07:18 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो ग्रहों के राजा सूर्य देव को समर्पित होता है। आज रवि प्रदोष व्रत भी है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 8 जून 2025

  • तिथि - ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि  
  • नक्षत्र - स्वाति और विशाखा
  • दिन/वार- रविवार
  • योग- परिघ और शिव
  • करण- कौलव, तैतिल और बालव 

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि प्रारंभ - 7 जून, 04:47 एएम से

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि समाप्त - 07:17 ए एम तक

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे।  
  • चंद्र - चंद्रमा तुला राशि में रहेगा।  

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:23 ए एम
  • सूर्यास्त - 07:18 पी एम
  • चन्द्रोदय- 04:50 पी एम
  • चन्द्रास्त - 03:31 ए एम, जून 09

आज का शुभ मुहूर्त और योग 8 जून 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:02 ए एम से 04:43 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:52 ए एम से 12:48 पी एम 
  • विजय मुहूर्त - 02:39 पी एम से 03:35 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:17 पी एम से 07:37 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:18 पी एम से 08:18 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 8 जून 2025

  • राहु काल - 05:33 पी एम से 07:18 पी एम
  • गुलिक काल - 03:49 पी एम से 05:33 पी एम
  • यमगंड - 12:20 पी एम से 02:05 पी एम  
  • दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - 06:57 पी एम से 08:44 पी एम
  • विडाल योग - नहीं है 
  • आडल योग - नहीं है 

8 जून 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • रविवार का व्रत - आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो ग्रहों के राजा सूर्य देव को समर्पित है। 
  • विवार के उपाय - रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन सूर्य देव को जल चढ़ाने, तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें लाल फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देने से विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने, सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

रवि प्रदोष व्रत का महत्व

रवि प्रदोष व्रत हिन्दू धर्म में अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। यह व्रत उस प्रदोष तिथि को रखा जाता है जो रविवार के दिन पड़ती है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति का वास होता है। सूर्य और शिव, दोनों की कृपा से व्यक्ति को दीर्घायु और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से रोगों से मुक्ति और आत्मिक शुद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।

रवि प्रदोष व्रत के उपाय

इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और उपवास का संकल्प लें। संध्या के समय शिव मंदिर जाकर या घर में ही भगवान शिव का गंगाजल, दूध, शहद आदि से अभिषेक करें। बिल्व पत्र, धतूरा, सफेद पुष्प अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करना भी शुभ होता है। व्रत के साथ शिव-पार्वती की कथा सुनना और आरती करना पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन किसी जरूरतमंद को गुड़, गेहूं या लाल वस्त्र दान करना विशेष लाभकारी होता है।

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ऐसा प्यार बहा दे मैया (Aisa Pyar Baha De Maiya)

या देवी सर्वभूतेषु,
दया-रूपेण संस्थिता ।

ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें (Aisi Bhakti Mahadev De Do Hame)

ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,
रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन (Aisi Lagi Lagan, Meera Ho Gai Magan)

ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन,

ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम (Aisi Suwah Na Aye, Aye Na Aisi Sham)

शिव है शक्ति, शिव है भक्ति, शिव है मुक्ति धाम।
शिव है ब्रह्मा, शिव है विष्णु, शिव है मेरा राम॥

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