जून का महीना अपने साथ गर्मी की लहर लेकर आता है, जो प्रकृति को एक नई ऊर्जा और जीवन देती है। इस महीने में हर तरफ फूल खिलने लगते हैं और पेड़-पौधे अपनी पूरी शोभा में आ जाते हैं। जून में कई त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं, जो लोगों को एक साथ लाने और उनकी आस्था के साथ उत्साह को बढ़ाने का काम करते हैं। जून का महीना गर्मी की धूप के साथ-साथ नई उम्मीदों और सपनों का भी महीना होता है, जब लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए संकल्प लेते हैं और जीवन को एक नई दिशा देते हैं।
जून माह में गंगा दशहरा मनाई जाएगी, जो मां गंगा की उपासना के लिए समर्पित एक विशेष दिन है। इसके अलावा निर्जला एकादशी का व्रत भी इस माह में रखा जाएगा, इस दिन निर्जल रहकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। आइए, भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से मई में पड़ने वाले व्रत और त्योहार के बारे में विस्तार से जानते हैं। वट पूर्णिमा व्रत भी जून माह में रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो विशेष रूप से अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती हैं। इसके अलावा इस महीने में ग्रहों के राजा सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे। इसे मिथुन संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा। बता दें कि जगन्नाथ रथ यात्रा भी इसी माह में निकाली जाएगी। जगन्नाथ रथ यात्रा पुरी (ओडिशा) में मनाई जाने वाली एक प्रमुख धार्मिक यात्रा है, जिसे विशेष रूप से भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्राजी की रथ यात्रा के रूप में मनाया जाता है।
जून 2025 में आने वाले व्रत और त्योहार की पूरी लिस्ट यहां पढ़ें
- स्कंद षष्ठी - 1 जून 2025, रविवार
- धूमावती जयंती - 3 जून 2025, मंगलवार
- मासिक दुर्गाष्टमी - 3 जून 2025, मंगलवार
- महेश नवमी - 4 जून 2025, बुधवार
- गंगा दशहरा - 5 जून 2025, गुरुवार
- विश्व पर्यावरण दिवस - 5 जून 2025, गुरुवार
- गायत्री जयंती - 6 जून 2025, शुक्रवार
- निर्जला एकादशी - 6 जून 2025, शुक्रवार
- वैष्णव निर्जला एकादशी - 7 जून 2025, शनिवार
- रामलक्ष्मण द्वादशी - 7 जून 2025, शनिवार
- प्रदोष व्रत - 8 जून 2025, रविवार
- वैशाखी विशाखम - 9 जून 2025, सोमवार
- वट पूर्णिमा व्रत - 10 जून 2025, मंगलवार
- ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत - 10 जून 2025, मंगलवार
- कबीरदास जयंती - 11 जून 2025, बुधवार
- ज्येष्ठ पूर्णिमा - 11 जून 2025, बुधवार
- अन्वाधान - 11 जून 2025, बुधवार
- वैवस्वत मन्वादि - 11 जून 2025, बुधवार
- आषाढ़ प्रारंभ *उत्तर - 12 जून 2025, गुरुवार
- इष्टि - 12 जून 2025, गुरुवार
- कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी - 14 जून 2025, शनिवार
- मिथुन संक्रांति - 15 जून 2025, रविवार
- फादर्स डे - 15 जून 2025, रविवार
- कालाष्टमी - 18 जून 2025, बुधवार
- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी - 18 जून 2025, बुधवार
- वर्ष का सबसे लंबा दिन - 21 जून 2025, शनिवार
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस - 21 जून 2025, शनिवार
- योगिनी एकादशी - 21 जून 2025, शनिवार
- मासिक कार्तिगई - 22 जून 2025, रविवार
- गौना योगिनी एकादशी - 22 जून 2025, रविवार
- वैष्णव योगिनी एकादशी - 22 जून 2025, रविवार
- प्रदोष व्रत - 23 जून 2025, सोमवार
- मासिक शिवरात्रि - 23 जून 2025, सोमवार
- रोहिणी व्रत - 24 जून 2025, मंगलवार
- दर्श अमावस्या - 25 जून 2025, बुधवार
- अन्वाधान - 25 जून 2025, बुधवार
- आषाढ़ अमावस्या - 25 जून 2025, बुधवार
- आषाढ़ नवरात्रि - 26 जून 2025, गुरुवार
- इष्टि - 26 जून 2025, गुरुवार
- चंद्र दर्शन - 26 जून 2025, गुरुवार
- जगन्नाथ रथ यात्रा - 27 जून 2025, शुक्रवार
- विनायक चतुर्थी - 28 जून 2025, शनिवार
- स्कंद षष्ठी - 30 जून 2025, सोमवार
जून 2025 में होगा 4 बड़े ग्रहों का गोचर
- 6 जून 2025 - बुध ग्रह का मिथुन राशि में गोचर
- 7 जून 2025 - मंगल ग्रह का सिंह राशि में गोचर
- 15 जून 2025 - सूर्य का मिथुन राशि में गोचर
- 29 जून 2025 - शुक्र ग्रह का मेष राशि में गोचर
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में सिंधु के नाम से जानी जाने वाली सिंधु नदी हिंदू पौराणिक कथाओं और इतिहास का केंद्र रही है।
सप्त नदियों में कावेरी नदी का भी विशेष स्थान है। तमिलनाडु और कर्नाटक में ये अपने जीवनदायनी गुणों की वजह से प्रसिद्ध है। कावेरी नदी को भगवान दत्तात्रेय से जोड़कर देखा जाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं की 'पवित्र सात नदियों' में गोदावरी नदी का उल्लेख मिलता है। गंगा और यमुना के अलावा गोदावरी का भी भारत में काफी महत्त्व है। यह नदी उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों का संगम है।
गुरु द्रोणाचार्य और कृपी के पुत्र अश्वत्थामा महाभारत काल से इस धरती पर मौजूद है।