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मेरे मन में बसे है राम, मेरे तन में बसे है राम (Mere Maan Mein Base Hai Ram Mere Tan Mein Base Hai Ram)

मेरे मन में बसे है राम, मेरे तन में बसे है राम (Mere Maan Mein Base Hai Ram Mere Tan Mein Base Hai Ram)

छाती चिर के हनुमान ने,

बता दिए श्री राम,

मेरे मन में बसे है राम,

मेरे तन में बसे है राम,

मेरे मन मे बसे है राम,

मेरे तन में बसे है राम ॥


जिस वस्तु में राम नहीं,

वह वस्तु ना आए काम,

जिस वस्तु में राम नहीं,

वह वस्तु ना आए काम,

मेरे मन मे बसे है राम,

मेरे तन में बसे है राम ॥


राम काज किए बिना,

मोहे कहाँ विश्राम,

राम काज किए बिना,

मोहे कहाँ विश्राम,

मेरे मन मे बसे है राम,

मेरे तन में बसे है राम ॥


राम नाम सुमिरण से,

समुन्दर पार गए हनुमान,

राम नाम सुमिरण से,

समुन्दर पार गए हनुमान,

मेरे मन मे बसे है राम,

मेरे तन में बसे है राम ॥


छाती चिर के हनुमान ने,

बता दिए श्री राम,

मेरे मन में बसे है राम,

मेरे तन में बसे है राम,

मेरे मन मे बसे है राम,

मेरे तन में बसे है राम ॥

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मां स्कंदमाता की पूजा विधि और कथा

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का पांचवां दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं, जिन्होंने राक्षसों से देवताओं की रक्षा के लिए युद्ध किया था।

आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर रवि योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है और प्रत्येक माह आने वाली चतुर्थी के बीच आषाढ़ की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व होता है।

आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है, लेकिन आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी विशेष रूप से फल्दायाक मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा, व्रत और कथा पाठ करने से जीवन के समस्त विघ्न समाप्त होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

मां कात्यायनी की पूजा विधि और कथा

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की आराधना की जाती है। यह दिन साधकों और भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है, खासकर उन कन्याओं के लिए जो उत्तम वर की प्राप्ति की कामना करती हैं।

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