नवीनतम लेख
छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।