छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
दिवाली पर हम अपने घर में देवी लक्ष्मी के आगमन और उनकी पूजा की पूरी तैयारियां करते हैं। लेकिन मान्यताओं के अनुसार पूजा तभी सफल मानी जाती है जब दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ गणेश और भगवान कुबेर का विधिवत पूजन किया जाता है।
दिवाली के पावन पर्व पर विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। इस दिन माता रानी को कई तरह के पकवान चढ़ाए जाते हैं।
दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को पूरे देशभर में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है।
दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।