सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय होता है। इस महीने में कई खास व्रत-त्योहार आते हैं, उन्हीं में से एक है नाग पंचमी। शिव पुराण में इसका खास महत्व बताया गया है। नाग पंचमी सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता और भगवान शिव की पूजा करने से दुखों से राहत मिलती है और आर्थिक तंगी भी दूर होती है।
मान्यता है कि नाग देवता, भगवान शिव के गण माने जाते हैं। इस दिन शिवलिंग पर दूध, फूल, चावल और लावा चढ़ाया जाता है। कई लोग व्रत रखते हैं और गरीबों को भोजन कराते हैं। इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि 28 जुलाई की रात 11:23 बजे शुरू होकर 30 जुलाई की रात 12:45 बजे तक रहेगी। ऐसे में मुख्य पूजा 29 जुलाई को की जाएगी। नाग पंचमी की पूजा का शुभ समय सुबह 5:42 से 8:31 बजे तक रहेगा। इसके अलावा 10:47 से 12:28, 12:27 से 2:09 और 3:51 से 5:32 बजे तक भी पूजा की जा सकती है। इस बार नाग पंचमी पर दो खास योग बन रहे हैं – शिव योग और सौभाग्य योग। इन योगों में पूजा करने से दोगुना फल मिलता है और भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
अगर आपके पास नाग मंदिर नहीं है, तो शिवलिंग पर पूजा करके नाग देवता को प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन व्रत रखने और ब्राह्मण या गरीब को खीर खिलाने से भी पुण्य मिलता है।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना भी बहुत शुभ माना गया है। अगर किसी की कुंडली में कालसर्प योग या राहु-केतु दोष हो, तो इस दिन पूजा करने से इन दोषों से मुक्ति मिलती है।
ध्यान रखें – सांपों को दूध पिलाना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें दूध से स्नान कराना बेहतर होता है, क्योंकि दूध उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।