बुध ग्रह दोष निवारण की पूजा विधि

Buddha Dosh Nivaran Puja Vidhi: बुध ग्रह दोष से जीवन में आ रही है रुकावट? जानिए इसके लक्षण, असर और शांति के उपाय


क्या आपके जीवन में निर्णय लेने में दिक्कत आ रही है? क्या पढ़ाई या व्यापार में बार-बार बाधाएं आ रही हैं? अगर हां तो हो सकता है आपकी कुंडली में बुध ग्रह दोष हो। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह हमारी बुद्धि, वाणी, तर्कशक्ति और व्यापार से जुड़ा ग्रह है। जब यह ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है तो जीवन में कई तरह की चुनौतियां आ सकती हैं।


बुध ग्रह का ज्योतिषीय महत्व

वैदिक ज्योतिष में बुध को शुभ ग्रह माना गया है। यह ग्रह इंसान की बुद्धिमत्ता, विश्लेषण क्षमता, संचार कौशल और शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। अगर बुध अनुकूल हो तो जातक चतुर, बोलचाल में दक्ष और व्यापार में सफल होता है। वहीं इसके प्रतिकूल होने पर विपरीत परिणाम मिलते हैं।


कुंडली में कैसे बनता है बुध दोष

जब बुध ग्रह पर शनि, राहु, केतु या मंगल जैसे क्रूर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है या वह नीच का होकर अशुभ भावों में स्थित होता है तो बुध दोष उत्पन्न होता है। कुंडली में यह दोष बनते ही कई तरह की मानसिक, शैक्षणिक और आर्थिक समस्याएं जन्म ले सकती हैं।


बुध दोष के प्रमुख लक्षण और प्रभाव

  • मानसिक भ्रम और फैसलों में अस्थिरता
  • बोलने में झिझक या बातों को स्पष्ट न कह पाने की समस्या
  • पढ़ाई में ध्यान न लगना और परीक्षाओं में असफलता
  • व्यवसाय में घाटा, लेन-देन में नुकसान
  • चर्म रोग, बहरापन और त्वचा से जुड़ी परेशानियां

विशेष उपाय: सूर्योदय के समय सूर्य की रोशनी में बैठें, हरी सब्जियां अधिक खाएं और गायत्री मंत्र का नियमित जाप करें। इससे बुध दोष के प्रभाव कम होते हैं।


बुध ग्रह शांति के लिए करें विशेष पूजा

अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो बुधवार के दिन विशेष पूजा करने से इसका सकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है। यह पूजा घर पर भी की जा सकती है।


पूजा का दिन और समय

  • दिन: बुधवार
  • समय: सूर्योदय से 2 घंटे के भीतर 
  • स्थान: घर का पूजा स्थल या उत्तर-पूर्व दिशा


आवश्यक पूजा सामग्री

  • हरे वस्त्र
  • मूंग दाल
  • हरे फूल और दूर्वा
  • तुलसी की माला
  • कपूर, धूप, दीपक
  • मिश्री या हरी मिठाई
  • पीतल या कांसे का कलश
  • नारियल
  • गंगाजल
  • भगवान गणेश और विष्णु की तस्वीर
  • बुध यंत्र (यदि उपलब्ध हो)


पूजा विधि 

1. शुद्धिकरण

 स्नान कर हरे वस्त्र पहनें। गंगाजल से पूजा स्थान शुद्ध करें।

2. कलश स्थापना

 कलश में जल भरें, आम के पत्ते रखें और उस पर नारियल रखें।

3. गणेश और विष्णु पूजन

 गणेश जी को दूर्वा और मिठाई चढ़ाएं। विष्णु जी का ध्यान करें।

4. बुध देव का आह्वान

 बुध यंत्र या प्रतिमा को मूंग, दूर्वा और हरे फूल चढ़ाएं।

 मंत्र जाप करें:
 ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः (108 बार)

5. हवन करें (यदि संभव हो)

 घी, मूंग और हवन सामग्री से आहुतियां दें, साथ में मंत्र बोलें।

6. आरती और प्रार्थना

 बुध देव की आरती करें और प्रार्थना करें —

 हे बुध देव, मुझे वाणी की मधुरता, तर्कशक्ति, व्यवसाय में सफलता और बुद्धिमत्ता प्रदान करें।

7. दान करें

 बुधवार को हरी सब्जियां, मूंग, मिश्री, हरे वस्त्र या कांसे के बर्तन जरूरतमंदों को दान करें। यह शुभ माना जाता है।


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वास्तु दोष निवारण की पूजा विधि

वास्तु शास्त्र प्रकृति और मानव जीवन के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाला प्राचीन विज्ञान है। जब किसी भवन या स्थान में वास्तु के सिद्धांतों का पालन नहीं होता, तो वहां नकारात्मक ऊर्जा या समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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