क्या आपके जीवन में निर्णय लेने में दिक्कत आ रही है? क्या पढ़ाई या व्यापार में बार-बार बाधाएं आ रही हैं? अगर हां तो हो सकता है आपकी कुंडली में बुध ग्रह दोष हो। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह हमारी बुद्धि, वाणी, तर्कशक्ति और व्यापार से जुड़ा ग्रह है। जब यह ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है तो जीवन में कई तरह की चुनौतियां आ सकती हैं।
वैदिक ज्योतिष में बुध को शुभ ग्रह माना गया है। यह ग्रह इंसान की बुद्धिमत्ता, विश्लेषण क्षमता, संचार कौशल और शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। अगर बुध अनुकूल हो तो जातक चतुर, बोलचाल में दक्ष और व्यापार में सफल होता है। वहीं इसके प्रतिकूल होने पर विपरीत परिणाम मिलते हैं।
जब बुध ग्रह पर शनि, राहु, केतु या मंगल जैसे क्रूर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है या वह नीच का होकर अशुभ भावों में स्थित होता है तो बुध दोष उत्पन्न होता है। कुंडली में यह दोष बनते ही कई तरह की मानसिक, शैक्षणिक और आर्थिक समस्याएं जन्म ले सकती हैं।
विशेष उपाय: सूर्योदय के समय सूर्य की रोशनी में बैठें, हरी सब्जियां अधिक खाएं और गायत्री मंत्र का नियमित जाप करें। इससे बुध दोष के प्रभाव कम होते हैं।
अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो बुधवार के दिन विशेष पूजा करने से इसका सकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है। यह पूजा घर पर भी की जा सकती है।
1. शुद्धिकरण
स्नान कर हरे वस्त्र पहनें। गंगाजल से पूजा स्थान शुद्ध करें।
2. कलश स्थापना
कलश में जल भरें, आम के पत्ते रखें और उस पर नारियल रखें।
3. गणेश और विष्णु पूजन
गणेश जी को दूर्वा और मिठाई चढ़ाएं। विष्णु जी का ध्यान करें।
4. बुध देव का आह्वान
बुध यंत्र या प्रतिमा को मूंग, दूर्वा और हरे फूल चढ़ाएं।
मंत्र जाप करें:
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः (108 बार)
5. हवन करें (यदि संभव हो)
घी, मूंग और हवन सामग्री से आहुतियां दें, साथ में मंत्र बोलें।
6. आरती और प्रार्थना
बुध देव की आरती करें और प्रार्थना करें —
हे बुध देव, मुझे वाणी की मधुरता, तर्कशक्ति, व्यवसाय में सफलता और बुद्धिमत्ता प्रदान करें।
7. दान करें
बुधवार को हरी सब्जियां, मूंग, मिश्री, हरे वस्त्र या कांसे के बर्तन जरूरतमंदों को दान करें। यह शुभ माना जाता है।
बसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान, विद्या और कला की देवी सरस्वती को समर्पित है।
बसंत पंचमी का पर्व जो कि माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष है जो कि वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है।
बसंत पंचमी का त्योहार जो कि हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। जो इस साल 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। शिक्षा, बुद्धि और कला के क्षेत्र में उन्नति के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान, विद्या और समृद्धि का प्रतीक है। यह दिन पूरी तरह से माता सरस्वती को समर्पित है, और इस दिन उनकी पूजा का विधान है।