सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष रूप से समर्पित होता है। यह संपूर्ण माह शिवभक्तों के लिए आस्था, भक्ति और तप का प्रतीक होता है। वर्ष 2025 में सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है, और इस दिन शिव पूजा के लिए कई दुर्लभ और शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे अत्यंत फलदायी बनाते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त को शास्त्रों में ध्यान, पूजा और तपस्या के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इस समय भगवान शिव का जलाभिषेक, रुद्राष्टक या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
अभिजित मुहूर्त वह काल होता है जो किसी भी कार्य को सफलता की ओर ले जाता है। इस समय भगवान शिव को सफेद पुष्प, बिल्व पत्र और पंचामृत अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है।
विजय मुहूर्त का प्रयोग विशेषकर कार्य सिद्धि, संघर्षों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। इस समय शिवलिंग पर घी और शहद से अभिषेक करने से जीवन में अड़चनों से मुक्ति मिलती है।
रवि योग को अत्यंत शुभ और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला योग माना गया है। 4 अगस्त को यह योग पूरे दिन रहेगा, जिससे किसी भी समय भगवान शिव की उपासना करना कल्याणकारी रहेगा। खासकर जो भक्त विशेष संकल्प, व्रत या मन्नत के साथ शिव पूजा करते हैं, उनके लिए यह योग अत्यंत फलदायक होगा।