श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पुण्यकारी होता है। लेकिन सावन का अंतिम सोमवार विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का अंतिम अवसर होता है इस पवित्र मास में। वर्ष 2025 में यह सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है और यह दिन भक्तों के लिए रुद्राभिषेक, व्रत, पूजन और दान के माध्यम से मनोकामना पूर्ति का अद्भुत अवसर होता है।
दूध और दही चंद्रमा के कारक माने जाते हैं। इनका दान किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को करने से भगवान भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
सफेद चावल शांति और सौम्यता का प्रतीक है। इसे दान करने से मानसिक तनाव में कमी आती है और जीवन में कभी अनाज की कमी नहीं होती है।
चीनी का दान करने से व्यक्ति के जीवन में मधुरता आती है। यह व्यवहारिक संबंधों को संतुलित करता है और चंद्रमा के प्रभाव को मजबूत करता है।
यदि संभव हो तो सफेद धोती, कुर्ता या साड़ी किसी योग्य ब्राह्मण, महिला या जरूरतमंद को दान करें। यह चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाता है और भगवान शिव का पसंदीदा रंग भी सफेद है इसलिए वो अत्यंत प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
पूजन में उपयोग के पश्चात सफेद पुष्प और चंदन का दान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्ति में मदद करता है।
दान करते समय अपने मनोकामना को स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और यह भाव रखें कि यह दान किसी व्यक्ति की ज़रूरत पूरी करने हेतु किया गया है, न कि मात्र पुण्य अर्जित करने के लिए।
दान को दाहिने हाथ से करें और अपने ईष्ट देव से आशीर्वाद प्राप्त करें कि यह दान आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन लाए।