यत्र देहपतनेऽपि देहिनां मुक्तिरेव भवतीति निश्चितम् |
पूर्वपुण्यनिचयेन लभ्यते विश्वनाथनगरी गरीयसी || १ ||
स्वर्गतः सुखकारी दिवौकसां शैलराजतनयातिवल्लभा |
ढुण्ढिभैरवविदारिताशुभा विश्वनाथनगरी गरीयसी || २ ||
राजतेऽत्र मणिकर्णिकामला सा सदाशिवसुखप्रदायिनी |
या शिवेन रचिता निजायुधैर्विश्वनाथनगरी गरीयसी || ३ ||
सर्वदा अमरवृन्दवन्दिता दिग्गजेन्द्रमुखवारिताशिवा |
कालभैरवकृतैकशासना विश्वनाथनगरी गरीयसी || ४ ||
यत्र मुक्तिरखिलैस्तु जन्तुभिर्लभ्यते मरणमात्रतः शुभा |
साऽखिलामरगणैरभीप्सिता विश्वनाथनगरी गरीयसी || ५ ||
उरगं तुरगं खागं मृगं वा करिणं केसरिणं खरं नरं वा |
सकृदाप्लुत एव देवनद्याः लहरी किं न हरं चरीकरीति || ६ ||
|| इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं श्रीविश्वनाथनगरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ||
अतिश्रेष्ठ विश्वनाथजी की नगरी काशी पूर्वजन्मों के पुण्य-समूह से ही प्राप्त होती है। यह निश्चित है कि जहाँ शरीर छोड़ने पर भी प्राणियों को मुक्ति मिलती है ॥ १ ॥
श्रीविश्वनाथजी की नगरी काशी देवताओं के स्वर्ग से भी अधिक सुखदायक है। यह शैलराज हिमालय की कन्या पार्वती को अत्यंत प्रिय है। दुण्ढि तथा भैरव द्वारा जिसके समस्त अशुभ नष्ट कर दिए गए हैं — ऐसी वह विश्वनाथनगरी अतिश्रेष्ठ है ॥ २ ॥
भगवान विश्वनाथ ने अपने आयुधों (शस्त्रों) के द्वारा जिस श्रेष्ठ नगरी का निर्माण किया है, वह सदाशिव को भी परम सुख देनेवाली है। जहाँ निर्मल मणिकर्णिका विद्यमान है — ऐसी वह विश्वनाथनगरी अतिश्रेष्ठ है ॥ ३ ॥
जो सदा देवगणों से वन्दित है, जहाँ के अशुभ दिग्गजों को उनके मुख की फूँक (फूत्कार) से दूर किया गया है, और जो केवल कालभैरव द्वारा शासित है — वह विश्वनाथनगरी अतिश्रेष्ठ है ॥ ४ ॥
जहाँ केवल मरणमात्र से ही समस्त प्राणी शुभ मुक्ति को प्राप्त कर लेते हैं — वह विश्वनाथनगरी, जो समस्त देवताओं की वांछनीय है, वास्तव में अतिश्रेष्ठ है ॥ ५ ॥
देवनदी गंगाजी में एक बार भी स्नान कर लेनेवाले सर्प, घोड़े, पक्षी, हिरण, हाथी, सिंह, गदहा अथवा मनुष्य — क्या उन्हें वह गंगा की लहरें शिवस्वरूप नहीं बना देतीं? निश्चित ही बना देती हैं ॥ ६ ॥
॥ इस प्रकार श्रीमच्छंकराचार्यविरचित श्रीविश्वनाथनगरीस्तोत्र सम्पूर्ण हुआ ॥
आज 16 अप्रैल 2025 वैशाख माह का चौथा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि तृतीया है। आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर व्यतीपात योग रहेगा।
आज 17 अप्रैल 2025 वैशाख माह का पांचवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि चतुर्थी है। आज गुरूवार का दिन है। इस तिथि पर वरीयान् योग रहेगा। वहीं चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे।
आज 18 अप्रैल 2025 वैशाख माह का छठा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी है। आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर परिघ योग रहेगा।
आज 19 अप्रैल 2025 वैशाख माह का सातवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर शिव योग रहेगा। वहीं चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे।