Logo

मनमोहन तुझे रिझाऊं तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं(Manmohan Tujhe Rijhaun Tujhe Neet Naye Laad Ladau)

मनमोहन तुझे रिझाऊं तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं(Manmohan Tujhe Rijhaun Tujhe Neet Naye Laad Ladau)

मनमोहन तुझे रिझाऊं,

तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


गीत बन जाऊं तेरी,

बांसुरी के स्वर का,

इठलाती बलखाती,

पतली कमर का,

पीला पटका बन जाऊं,

पीला पटका बन जाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


घुँघरू बनूँ जो तेरी,

पायल का प्यारे,

पल पल चूमा करूँ,

चरण तुम्हारे,

तेरे संग संग नाचूँ गाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


राधिका किशोरी संग,

रमण तुम्हारा,

मुझ को दिखा दो कभी,

ऐसा नज़ारा,

फिर चाहे मैं मर जाऊं,

फिर चाहे मैं मर जाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


मनमोहन तुझे रिझाऊं,

तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥

........................................................................................................
श्रीरामरक्षास्तोत्रम् (Shriramarakshastotram)

अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषि: श्रीसीतारामचन्द्रो देवता अनुष्टुप् छन्द: सीता शक्ति: श्रीमद्हनुमान् कीलकम् श्रीसीतारामचन्द्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोग:॥

विष्णु सहस्त्रनाम (Vishnu Sahastranam )

ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः ।

काली सहस्त्रनाम (Kali Sahastranam)

श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी ।

ऋण-मोचक मंगल-स्तोत्रं (Rin Mochak Mangal Stotram)

मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद:। स्थिरासनो महाकाय: सर्व-कर्मावरोधकः॥1॥

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang