सोने की लंका जलाए गयो रे, एक छोटो सो वानर (Sone Ki Lanka Jalai Gayo Re Ek Choto So Vanar)

सोने की लंका जलाए गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

छोटो सो वानर,

एक छोटो सो वानर,

रावण को पानी पिलाए गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


बालापन में सूरज ने निगल्यौ,

फल समझ कर खा गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


शक्ति बाण लग्यो लक्ष्मण के,

लक्ष्मण के प्राण बचा गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


धोखे से रावण ने सीता को हरली,

माता को पतों लगाय गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


किसी ने पूछा तेरा राम है कहाँ पर,

सीना फाड़ दिखाय गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


चुन चुन करके दुष्टो को मारा,

दानव के छक्के छुड़ाए गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


दानव संहारे ‘हर्ष’ लंका को जीता,

सीता को राम से मिलाए गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


सोने की लंका जलाए गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

छोटो सो वानर,

एक छोटो सो वानर,

रावण को पानी पिलाए गयो रे,

एक छोटो सो वानर,

सोने की लंका जलाये गयो रे,

एक छोटो सो वानर ॥


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गजरा गिर गया जमुना जल में (Gajara Gir Gaya Jamuna Jal Me)

जमुना के तट पर,
मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

होरी खेली न जाय (Hori Kheli Na Jaay)

नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,

पौष मास है छोटा पितृ पक्ष

पौष मास को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। सूर्यदेव के कन्या राशि में आने पर होने वाले मुख्य पितृ पक्ष के अलावा इस माह में भी श्राद्ध तथा पिंडदान के अलावा भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

शंकर जी की आरती (Shri Shankar Ji Ki Aarti)

जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥
जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥

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