यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ (Yahan Wahan Jahan Tahan)

यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ,

मत पूछो कहाँ-कहाँ,

है सँतोषी माँ !

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।

जल में भी थल में भी,

चल में अचल में भी,

अतल वितल में भी माँ ।

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।


बड़ी अनोखी चमत्कारिणी,

ये अपनी माई

राई को पर्वत कर सकती,

पर्वत को राई

द्धार खुला दरबार खुला है,

आओ बहन भाई

इस के दर पर कभी,

दया की कमी नहीं आई

पल में निहाल करे,

दुःख का निकाल करे,

तुरंत कमाल करे माँ ।

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।


हाँ वहाँ जहाँ तहाँ,

मत पूछो कहाँ-कहाँ,

है सँतोषी माँ !

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।


इस अम्बा में जगदम्बा में,

गज़ब की है शक्ति

चिंता में डूबे हुय लोगो,

कर लो इस की भक्ति

अपना जीवन सौंप दो इस को,

पा लो रे मुक्ति

सुख सम्पति की दाता ये माँ,

क्या नहीं कर सकती

बिगड़ी बनाने वाली,

दुखड़े मिटाने वाली,

कष्ट हटाने वाली माँ ।

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।


हाँ वहाँ जहाँ तहाँ,

मत पूछो कहाँ-कहाँ,

है सँतोषी माँ !

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।


गौरी सुत गणपति की बेटी,

ये है बड़ी भोली

देख - देख कर इस का मुखड़ा,

हर इक दिशा डोली

आओ रे भक्तो ये माता है,

सब की हमजोली

जो माँगोगे तुम्हें मिलेगा,

भर लो रे झोली

उज्जवल-उज्जवल,

निर्मल-निर्मल,

सुन्दर-सुन्दर माँ ।

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।


हाँ वहाँ जहाँ तहाँ,

मत पूछो कहाँ-कहाँ,

है सँतोषी माँ !

अपनी सँतोषी माँ,

अपनी सँतोषी माँ ।

........................................................................................................
मां दुर्गा की पूजा इस विधि से करें

मां दुर्गा का रूप शक्ति और वीरता का प्रतीक है। वे राक्षसों और असुरों से संसार को बचाने वाली देवी हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक बल मिलता है।

दशहरा-विजयादशमी की पौराणिक कथा

शारदीय नवरात्र के बाद 10वें दिन दशहरे का त्योहार देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

रविवार के व्रत कथा (Ravivaar Ke Vrat Katha)

रविवार व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक बुढ़िया रहती थी। वह नियमित रूप से रविवार का व्रत करती।

बाहुबली से शिव तांडव स्तोत्रम, कौन-है वो (Shiv Tandav Stotram And Kon Hai Woh From Bahubali)

जटा कटा हसं भ्रमभ्रमन्नि लिम्प निर्झरी,
विलोलवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने