भगवान यमराज को धर्म के देवता और मृत्यु के दूत के रूप में पूजा जाता है। वे जीवन और मरण के संतुलन, कर्म और न्याय के संरक्षक माने जाते हैं। जहां अधिकांश देवी-देवताओं के असंख्य मंदिर हैं, वहीं यमराज के मंदिर देश में विरले ही मिलते हैं। फिर भी भारत में कुछ ऐसे स्थान हैं जहां उनकी विधिवत पूजा होती है और श्रद्धालु विशेष अवसरों पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं। आइए जानें देशभर के प्रमुख यमराज मंदिरों के बारे में।
1. यमधर्मराज मंदिर, तिरुचित्रांभलम (तमिलनाडु)
तंजावूर जिले के इस मंदिर में भगवान यमराज की प्राचीन प्रतिमा विराजमान है। यह मंदिर दक्षिण भारत के गिने-चुने यम मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यहां भगवान यम ने भगवान शिव से क्षमा याचना की थी। यम द्वितीया और अमावस्या पर यहां विशेष पूजा होती है।
2. यमराज मंदिर, भर्मौर (हिमाचल प्रदेश)
चंबा जिले के भर्मौर क्षेत्र में स्थित यह मंदिर रहस्यमयी लोककथाओं से जुड़ा है। स्थानीय मान्यता के अनुसार यह मंदिर यमलोक के प्रतीक चार द्वारों स्वर्ण, रजत, ताम्र और लोह का प्रतिनिधित्व करता है। यहां लोग दूर से दर्शन करते हैं, मंदिर में प्रवेश को अशुभ माना जाता है।
3. यमधर्मराज मंदिर, धर्मपुरी (तेलंगाना)
तेलंगाना के धर्मपुरी कस्बे में लक्ष्मी नरसिंह मंदिर परिसर में स्थित यह यमधर्मराज मंदिर विशेष रूप से भैया दूज (यम द्वितीया) के दिन सक्रिय होता है। कहा जाता है कि यहां यमराज और यमदूतों की पूजा से दीर्घायु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
4. यमराज मंदिर, नागरथपेट, बेंगलुरु (कर्नाटक)
बेंगलुरु के प्राचीन क्षेत्र नागरथपेट में स्थित यह मंदिर यमराज और चित्रगुप्त दोनों को समर्पित है। करगा उत्सव के दौरान इस मंदिर में हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग दर्शन के लिए आते हैं। यह दक्षिण भारत के कुछ दुर्लभ यमराज पूजन स्थलों में गिना जाता है।
5. यमधर्मराज मंदिर, वेल्लालोर, कोयम्बटूर (तमिलनाडु)
कोयम्बटूर के वेल्लालोर क्षेत्र में स्थित यह मंदिर यमराज की शांत स्वरूप में प्रतिष्ठा का प्रतीक है। यहां अमावस्या और पूर्णिमा पर विशेष आरती होती है और जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है।