Logo

सावन रोहिणी व्रत 2025

सावन रोहिणी व्रत 2025

Sawan 2025 Rohini Vrat: सावन महीने में कब है रोहिणी व्रत, कई मायनों में खास; जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

सावन का महीना भारतीय धार्मिक परंपराओं में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह महीना जहां भगवान शिव की आराधना के लिए प्रसिद्ध है, वहीं इसमें आने वाला ‘रोहिणी व्रत’ भी विशेष महत्व रखता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2025 में सावन माह का रोहिणी व्रत 21 जुलाई को मनाया जाएगा।

रोहिणी व्रत शुभ मुहूर्त

रोहिणी व्रत के दिन पूजा और व्रत के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। इन मुहूर्तों में पूजा और दान का विशेष फल प्राप्त होता है।

  • रोहिणी नक्षत्र का संयोग दोपहर 12:54 बजे तक रहेगा।
  • स्नान और दान के लिए उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त में, सुबह 04:04 बजे से 04:44 बजे तक है।
  • अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:33 से दोपहर 12:28 बजे तक।
  • अमृत काल : सुबह 10:01 से 11:27 बजे तक।
  • विजय मुहूर्त : दोपहर 02:18 से 03:12 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:51 से 07:11 बजे तक।

रोहिणी व्रत का महत्व

रोहिणी व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और पारिवारिक शांति के लिए रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने हेतु उपासना का एक सशक्त माध्यम है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख, शांति और सौहार्द बना रहता है।

जैन धर्म में भी इस व्रत का अत्यंत महत्व है और इसे अत्यंत पवित्र और तपस्या से युक्त दिन माना गया है।

सावन में रोहिणी व्रत का विशेष महत्व

  • सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ रोहिणी व्रत रखने से भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
  • यह संयोजन भक्तों को आध्यात्मिक शांति और पारिवारिक सुख की अनुभूति कराता है।
  • व्रत के प्रभाव से पति-पत्नी के संबंधों में विश्वास और प्रेम बढ़ता है।
  • गृहस्थ जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और समृद्धि आती है।
........................................................................................................
लक्ष्मी पंचमी के धन लाभ उपाय

हिंदू धर्म में लक्ष्मी जयंती का विशेष महत्व है। दिन में माता लक्ष्मी की विधि रूप से पूजा करने से धन, वैभव, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

कब है स्वामीनारायण जयंती

स्वामीनारायण जयंती हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान स्वामीनारायण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

महातारा जयंती कब है?

हिंदू धर्म में माता महातारा को आदि शक्ति का एक दिव्य और शक्तिशाली रूप माना जाता है। दस महाविद्याओं में से एक, महातारा देवी को ज्ञान, सिद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।

महातारा जयंती की कथा

हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं का विशेष स्थान है, जिनमें से एक देवी महातारा हैं। उन्हें शक्ति, ज्ञान और विनाश की देवी माना जाता है। देवी महातारा का स्वरूप गहरे नीले रंग का होता है, उनकी चार भुजाएं होती हैं और वे त्रिनेत्री हैं।

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang