हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहणों का खास महत्व है। ये खगोलीय घटनाएं सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। हाल ही में, 14 मार्च को साल का पहला चंद्र ग्रहण हुआ था, जिसने खगोल प्रेमियों और ज्योतिषियों का ध्यान आकर्षित किया। अब 2025 का पहला सूर्य ग्रहण होने जा रहा है, जो खास तौर पर चैत्र नवरात्रि से एक दिन पहले लगेगा। इस ग्रहण को लेकर लोगों में उत्सुकता और रहस्य दोनों ही हैं। आइए जानते हैं, साल के पहले सूर्य ग्रहण की तिथि और समय के बारे में।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है, और उससे एक दिन पहले 29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2:21 पर शुरू होगा और शाम 6:16 पर समाप्त होगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 55 मिनट की होगी। ग्रहण के दौरान खगोलीय घटनाओं को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है, खासकर धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका विशेष महत्व है।
Disclaimer: यहां प्रस्तुत जानकारी धार्मिक मान्यताओं, पौराणिक कथाओं और सामान्य जानकारी पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जनसामान्य को जानकारी प्रदान करना है। हम इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करते हैं।
गणगौर व्रत हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है, इसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं।
गणगौर व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
गणगौर व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
गणगौर व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, यह व्रत चैत्र शुक्ल तृतीया को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए रखा जाता है।