चैत्र नवरात्रि 2025: आटे का दीपक जलाने से होगी सुख-समृद्धि, जानें सही विधि और फायदे
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय अपनाते हैं। उन्हीं उपायों में से एक है आटे का दीपक जलाना। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आटे से बना दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं आटे का दीपक बनाने और उसे जलाने की सही विधि।
पूजा के लिए ऐसे बनाएं आटे का दीपक
- सबसे पहले साफ आटे को गंगाजल मिले पानी से गूंथ लें।
- आटा न बहुत सख्त हो और न ही बहुत मुलायम।
- आटे में हल्दी मिलाएं ताकि इसका रंग शुभ लगे।
- छोटी लोई बनाकर उसे गोल आकार दें और अंगूठे से बीच में गड्ढा बनाएं।
- चाहें तो किसी गहरे ढक्कन की मदद से दीए का आकार सही कर सकते हैं।
आटे के दीपक को जलाने का सही तरीका
आटे का दीपक बनाने के बाद इसे हल्का सूखने दें। फिर इसमें शुद्ध देसी घी और रूई की बाती डालें। इसे घर के मंदिर, मुख्य द्वार और तुलसी के पास जलाएं। दीपक जलाते समय मां दुर्गा के किसी मंत्र का जाप करें।
आटे के दीपक जलाने के लाभ
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- देवी लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
- सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
- बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
........................................................................................................सनातन धर्म में भगवान शिव को सुख-सौभाग्य, सत्य और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल सकती है।
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है, जिसका विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।
महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर, प्रत्येक हिंदू घर में उत्साह और श्रद्धा का वातावरण होता है। शिव भक्त इस दिन विशेष रूप से व्रत रखते हैं और चारों पहर में भगवान शिव की आराधना करते हैं।