Parshuram Jayanti 2025: झारखंड की इस जगह पर आज भी गड़ा है भगवान परशुराम का फरसा, जानिए इसके पीछे का रहस्य
भारत देश के झारखंड राज्य के गुमला जिले में स्थित टांगीनाथ धाम, भगवान परशुराम के शक्तिशाली फरसे के रहस्य के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान रांची से लगभग 150 किलोमीटर दूर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, जिसे धार्मिक आस्था और विश्वास का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी धाम में भगवान परशुराम ने अपना फरसा गड़ा था, जो आज भी वहीं मौजूद है और लोगों के लिए श्रद्धा और रहस्य का विषय बना हुआ है।
भगवान परशुराम ने की थी टांगीनाथ धाम में कठिन तपस्या
टांगीनाथ धाम भगवान शिव का एक प्राचीन स्थल है, लेकिन यहां भगवान परशुराम की उपस्थिति को लेकर भी एक विशेष गहरी आस्था है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान राम ने देवी सीता से स्वयंवर के समय, भगवान शंकर का धनुष तोड़ा था, तब परशुराम अत्यंत क्रोधित हो गए थे। लेकिन कुछ समय के बाद उन्हें अपने क्रोध पर पश्चाताप हुआ और वे शांत मन से तपस्या करने टांगीनाथ धाम आ गए। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने यहां घोर तपस्या की और अपना फरसा इसी भूमि में गाड़ दिया।
हजारों साल बाद भी जस का तस है भगवान परशुराम का फरसा
टांगीनाथ धाम के स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान परशुराम का यही दिव्य फरसा है, जो मंदिर में खुले आसमान के नीचे एक चट्टान में धंसा हुआ दिखाई देता है। इसे भगवान परशुराम ने स्वयं गाड़ा था। साथ ही, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हजारों साल बीत जाने के बाद भी इस लोहे के फरसे में न कभी जंग लगा और न ही इसे आज तक कोई हिला सका है।
वैज्ञानिक भी हैं इस रहस्य को जानकर हैरान
भगवान परशुराम के फरसे से जुड़े इस रहस्य ने न केवल भक्तों को आकर्षित किया है, बल्कि वैज्ञानिकों की भी जिज्ञासा बढ़ाई है। इसलिए इस स्थान पर कई बार वैज्ञानिक शोध की गई हैं, लेकिन फिर भी फरसे के सच को अब तक पूरी तरह से सिद्ध नहीं किया जा सका है।
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