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हिंदू धर्म में भानु सप्तमी का व्रत विशेष रूप से सूर्यदेव को समर्पित है। यह दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और समस्याओं का समाधान होता है। दिसंबर माह में भानु सप्तमी का व्रत 08 तारीख को रखा जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन सूर्यदेव को क्या चढ़ाने से शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सप्तमी तिथि पर यदि रविवार होता है, तो उस दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मास में ये विशेष संयोग 08 दिसंबर, रविवार को बन रहा है। ऐसे में 08 दिसंबर को 'भानु सप्तमी' मनाई जाएगी। साथ ही पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का आरंभ 07 दिसंबर को रात 11 बजकर 05 मिनट से लेकर इसका समापन 08 दिसंबर को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के हिसाब से भानु सप्तमी का व्रत भी 08 दिसंबर को ही रखा जाएगा।
हिंदू धर्म में सूर्यदेव को ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना जाता है। उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव के लिए लाल रंग का विशेष महत्व है, इसलिए उन्हें लाल फूल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। आप सूर्यदेव को लाल गुलाब, गुड़हल या अन्य लाल फूल चढ़ाकर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
सूर्यदेव को अक्षत चढ़ाना एक शुभ और महत्वपूर्ण कार्य माना जाता है। अक्षत को समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है, और सूर्यदेव को अक्षत चढ़ाने से घर में धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। अक्षत को पूजा की पूर्णता का प्रतीक भी माना जाता है, और बिना अक्षत के पूजा अधूरी मानी जाती है। अक्षत चढ़ाते समय आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
गुड़ को सूर्यदेव का प्रिय भोग माना जाता है, और इसका अर्पण करने से व्यक्ति को सूर्यदेव की कृपा और ऊर्जा प्राप्त होती है। गुड़ में भरपूर ऊर्जा होती है, जो हमें सूर्यदेव की पूजा करने पर प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुड़ का उपयोग ग्रह दोषों को दूर करने के लिए किया जाता है, खासकर सूर्य ग्रह से संबंधित समस्याओं के लिए।
भानु सप्तमी पर सूर्यदेव को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। ऐसा करने कई लाभ होते हैं, जैसे कि पापों का नाश, स्वास्थ्य लाभ, समृद्धि और सफलता, मानसिक शांति, आत्म-नियंत्रण, सूर्यदेव की कृपा, रोगों का नाश और मोक्ष प्राप्ति। जल चढ़ाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भानु सप्तमी पर सूर्यदेव को नारियल चढ़ाने का भी महत्व बताया गया है। इस दिन सूर्यदेव को नारियल चढ़ाने से कई लाभ होते हैं जैसे कि सूर्यदेव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति, पापों का नाश, स्वास्थ्य में सुधार, समृद्धि और सफलता, मानसिक शांति, आत्म-नियंत्रण और मोक्ष प्राप्ति। नारियल चढ़ाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भानु सप्तमी पर सूर्यदेव को फल (अनार, संतरा, और नारंगी) -फूल (गेंदा, गुलाब, और सूरजमुखी) चढ़ाने से कई लाभ होते हैं, जैसे कि सूर्यदेव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति, पापों का नाश, स्वास्थ्य में सुधार, समृद्धि और सफलता, मानसिक शांति, आत्म-नियंत्रण और मोक्ष प्राप्ति। फल-फूल चढ़ाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
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