भुवनेश्वरी जयंती के दिन माता भुव नेश्वरी की विशेष पूजा-अर्चना और व्रत कथा का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक कथा सुनने या पढ़ने से घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और ऐश्वर्य का वास होता है। साथ ही, मां का आशीर्वाद मिलने से घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और भक्तों के कष्टों का निवारण होता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, देवी भुवनेश्वरी स्वयं लौकिक महासागर से प्रकट हुईं। वे सृष्टि की अधिष्ठात्री शक्ति हैं और संपूर्ण ब्रह्मांड की स्वामिनी मानी जाती हैं। कथा के अनुसार, जब राक्षस अंधका ने तीनों लोकों में अत्याचार फैलाया, तब भगवान शिव ने उससे युद्ध किया। इस युद्ध में देवी भुवनेश्वरी ने भगवान शिव की सहायता की और अपने दिव्य आशीर्वाद से असुरों का नाश किया।
महादेव और ब्रह्मा जी ने माता भुवनेश्वरी की स्तुति की और उनसे प्रार्थना की। इससे प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें परम दिव्य आनंद प्रदान किया। यही कारण है कि माता भुवनेश्वरी को सर्वोच्च शक्ति और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी कहा जाता है।