चैत्र प्रदोष व्रत की तिथियां और मुहूर्त

Chaitra Pradosh Vrat 2025: चैत्र मास में इस दिन पड़ेगा प्रदोष व्रत, भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस विधि से करें पूजा 


सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। अगर आप इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, पूरे परिवार में खुशियां फैलती हैं। पंचांग के अनुसार चैत्र मास का पहला प्रदोष व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा, जबकि चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत 10 अप्रैल को रखा जाएगा।

शुभ तिथि और समय 


बता दें कि 27 मार्च को गुरुवार है, इसलिए इसका नाम गुरु प्रदोष है। पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि 27 मार्च को सुबह 1:42 बजे से शुरू होकर 27 मार्च को रात 11:03 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार प्रदोष व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दौरान दोपहर में प्रदोष काल में महादेव की पूजा की जाएगी। ऐसे में 27 मार्च को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:36 बजे से रात 8:56 बजे तक रहेगा।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि


  1. स्नान करके मंदिर को साफ करें।
  2. भगवान गणेश की पूजा करें।
  3. भगवान शिव का पंचामृत और गंगा जल से अभिषेक करें।
  4. अब भगवान शिव को सफेद चंदन और सफेद फूल चढ़ाएं।
  5. मंदिर में घी का दीपक जलाएं।
  6. श्री शिव चालीसा का पाठ करें।
  7. पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें।
  8. प्रसाद चढ़ाएं।
  9. अंत में क्षमा मांगें।

........................................................................................................
श्री सरस्वती स्तोत्रम् (Shri Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

बनवारी ओ कृष्ण मुरारी (Banwari O Krishna Murari)

बनवारी ओ कृष्ण मुरारी,
बता कुण मारी,

बजरंगी बलशाली, तेरा पार ना कोई पाए (Bajrangi Balshali Tera Paar Na Koi Paye)

बजरंगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए,

मोको कहां ढूंढे रे बंदे(Moko Kahan Dhunde Re Bande)

मोको कहां ढूंढे रे बंदे,
मैं तो तेरे पास में ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।