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सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। अगर आप इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, पूरे परिवार में खुशियां फैलती हैं। पंचांग के अनुसार चैत्र मास का पहला प्रदोष व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा, जबकि चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत 10 अप्रैल को रखा जाएगा।
बता दें कि 27 मार्च को गुरुवार है, इसलिए इसका नाम गुरु प्रदोष है। पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि 27 मार्च को सुबह 1:42 बजे से शुरू होकर 27 मार्च को रात 11:03 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार प्रदोष व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दौरान दोपहर में प्रदोष काल में महादेव की पूजा की जाएगी। ऐसे में 27 मार्च को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:36 बजे से रात 8:56 बजे तक रहेगा।
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