Chandra Grahan 2025: साल की आखिरी और दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर की रात ग्रहणशील होगा। विज्ञान और पंचांग के अनुसार, यह ‘ब्लड मून’ का अनुभव लेकर आएगा। जहाँ खगोलीय दृष्टि से यह आकाशीय परिवर्तन की अपूर्व घटना है, वहीं हिंदू धर्म में इसका महत्व सूतक काल व आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
चंद्र ग्रहण रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा और रात 11 बजकर 42 मिनट पर मध्य में होगा, फिर 8 सितंबर की सुबह 1:26 बजे चंद्र ग्रहण समाप्त हो जाएगा। चंद्र ग्रहण का काल 3 घंटे 29 मिनट तक रहेगा जबकि पूर्णता की अवधि 1 घंटे 21 मिनट तक रहेगी।
पंचांग के अनुसार, आज सूतक काल दोपहर 12:19 बजे से ग्रहण के अंत तक यानि रात 1:26 बजे तक माना जाएगा। लेकिन बच्चों, बुज़ुर्गों और मरीजों के लिए यह शाम 6:30 बजे से शुरू होगा। इसलिए आज सूतक काल दोपहर से लेकर देर रात तक रहेगा, जिसे बेहद अशुभ समय माना जाता है।
सूतक काल में खाना-पीना और यहां तक कि पूजा-पाठ करना भी वर्जित होता है। इस समय सोना, स्नान करना, नाखून और बाल काटना भी बहुत अशुभ माना जाता है। विज्ञान और धर्म दोनों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए तथा इस समय किसी भी नुकीली वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए।