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दिवाली पर कितने दीपक जलाएं?

दिवाली पर कितने दीपक जलाएं?

Diwali 2025: दिवाली पर कितने और किस दिशा में जलाने चाहिए दीपक? जानिए धार्मिक आधार पर जवाब

Diwali 2025: त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और अब सबकी नजरें हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दीपावली पर टिकी हैं। दिवाली का नाम लेते ही मन में खुशियों की लहर दौड़ जाती है। घरों की सजावट, मिठाइयाँ, पूजा और दीयों की जगमगाहट सब कुछ इस त्योहार को खास बनाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे, और उनके स्वागत में पूरे नगर में घी के दीपक जलाए गए थे। तभी से यह परंपरा हर साल निभाई जाती है, जो अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक मानी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं दिवाली पर दीपक जलाने की सही दिशा और संख्या क्या है….

दिवाली की शुरुआत यम के दीपक से होती है

दिवाली का पर्व असल में धनतेरस से शुरू होता है। इस दिन शाम को सबसे पहला दीपक यमराज के नाम पर जलाया जाता है, जिसे “यमदीप” कहा जाता है। इस दीपक का उद्देश्य परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु से बचाना और घर में शांति बनाए रखना होता है। यह दीपक सरसों के तेल से भरा हुआ होता है और इसे घर के बाहर, दक्षिण दिशा की ओर किसी नाली या कूड़ेदान के पास रखा जाता है। इस दीपक को अंधेरा होने के बाद और सोने से पहले जलाया जाता है। एक खास बात यह भी है कि इस दीपक को जलाने के बाद कोई भी परिवार का सदस्य घर से बाहर नहीं जाता।

कुल 13 दीपक जलाने की परंपरा

यमराज के दीपक के साथ कुल 13 दीपक जलाने की परंपरा है। पहले दीपक के साथ बारह और दीपक जलाने चाहिए, जिससे पूरा परिवार और घर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाए।

कहा जाता है कि ये 13 दीपक घर की सभी दिशाओं में ऊर्जा फैलाते हैं और नकारात्मकता को दूर करते हैं।

दिवाली पर कितने दीपक जलाना शुभ है

दिवाली के दिन कम से कम 5 दीपक जलाना अनिवार्य माना गया है। इसके अलावा परंपरा के अनुसार 5, 7, 9, 11, 15, 51 या 101 दीपक जलाना बेहद शुभ होता है। इन संख्याओं के पीछे मान्यता है कि जितने अधिक दीपक जलाए जाते हैं, उतनी ही सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और मां लक्ष्मी की कृपा बढ़ती है।

दीये कहां-कहां जलाने चाहिए

दिवाली की पूजा के दौरान दीपक केवल मंदिर में ही नहीं, बल्कि घर के कई खास स्थानों पर जलाना शुभ माना गया है।

  • पूजा स्थल: जहां भगवान की पूजा होती है, वहां दीपक जलाने से लक्ष्मी-गणेश प्रसन्न होते हैं।
  • तुलसी के पौधे के नीचे: इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  • तिजोरी या धन रखने की जगह: इससे धन की वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिरता आती है।

वहीं, मुख्य द्वार, रसोई, बालकनी, खिड़कियाँ, आंगन और छत पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसके अलावा पीपल के पेड़ के नीचे, चौराहे पर, बाथरूम में और अपने पूर्वजों के नाम पर भी दीपक जलाना चाहिए। 

दीपक जलाने की सही दिशा 

वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाना सबसे शुभ माना गया है।

दिवाली के दीपक का असली अर्थ

दीपावली का त्योहार सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक है। जब घर में दीये जलते हैं तो ऐसा माना जाता है कि अंधकार मिटता है, दुर्भाग्य दूर होता है और मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

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