हनुमान जयंती 2025 उपाय

Hanuman Janmotsav Upay 2025: हनुमान जयंती पर आजमाएं ये 5 अचुक उपाय, परेशानियों से मिलेगी मुक्ति

हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राम के परम भक्त श्री हनुमान जी का जन्म दिवस मनाया जाता है, जिसे हनुमान जयंती कहते हैं। यह दिन सभी भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन किए गए विशेष उपायों से जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है। 

चमेली के तेल और सिंदूर से तैयार किया चोला चढ़ाने से मिलता है विशेष फल


हनुमान जयंती के दिन विशेष रूप से चमेली के तेल और सिंदूर से तैयार किया गया चोला हनुमान जी को अर्पण करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और आत्मबल में वृद्धि होती है। साथ ही, हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।

हनुमान जयंती पर करें हनुमान जी के पुस्तकों का पाठ


गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा 40 चौपाइयों का स्तोत्र है, जिसमें हनुमान जी की महिमा का गुणगान किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि रोजाना इसका पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है, लेकिन हनुमान जयंती के दिन इसका विशेष रूप से पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी प्रकार के संकट, भय और दोष दूर हो जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जयंती पर सुंदरकांड का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह रामचरितमानस का वह भाग है जिसमें हनुमान जी की वीरता, बुद्धि और भक्ति का वर्णन किया गया है। साथ ही, बजरंग बाण का पाठ भी करें। क्योंकि बजरंग बाण एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो हनुमान जी की विशेष कृपा दिलाता है और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा भी करता है।

हनुमान जयंती पर अवश्य चढ़ायें पान

  • हनुमान जी को लाल फूल अत्यंत प्रिय हैं। उन्हें लाल फूल की माला अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 
  • साथ ही, उन्हें बेसन के लड्डू और पान अर्पित करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
  • हनुमान जयंती के दिन विशेष रूप से 11 पीपल के पत्तों पर चंदन से ‘जय श्रीराम’ लिखकर माला बनाकर अर्पित करें। यह उपाय धन संबंधी समस्याओं को दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

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मासिक कार्तिगाई पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म में, कार्तिगाई का विशेष महत्व है। यह पर्व दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है। इस दिन लोग अपने घरों और आस-पास दीपक जलाते हैं।

काशी विश्वनाथ से मां अन्नपूर्णा का संबंध

मार्गशीर्ष महीने में पूर्णिमा तिथि अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस साल अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 को है। मां अन्नपूर्णा की कृपा से अन्न-धन का भंडार सदैव भरा रहता है।

आते हैं हर साल नवराते माता के

हो, चैत महीना और अश्विन में, ओ..
चैत महीना और अश्विन में, आते मां के नवराते।
मुंह मांगा वर उनको मिलता, जो दर पे चलके आते।

मकर संक्रांति पुण्य काल

2025 में, मकर संक्रांति विशिष्ट योग में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान-ध्यान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा।

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