पितृपक्ष पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। धार्मिक रूप से इस दौरान किए गए श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। पितृपक्ष की इंदिरा एकादशी का अधिक महत्व है, क्योंकि इस दिन पितरों के नाम पर किया गया कोई भी दान उन्हें तृप्त करता है। इस वर्ष यह 17 सितंबर, बुधवार को पड़ेगा, जो राशि के अनुसार आप ऐसे पितरों को प्रसन्न करें पितृ के लिए दान करने का एक अच्छा समय है।
इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और पितरों की शांति के लिए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का सुबह-शाम जाप करें। तुलसी की माला से मंत्र जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। गरुड़पुराण के अनुसार, ब्राह्मण भोज, गौ दान और जरूरतमंदों की मदद करने से पितृ तृप्त होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
राशि के अनुसार कोई भी कार्य करने से अधिक पुण्य मिलता है, उसी प्रकार कष्टों से मुक्ति पाने के लिए दान करना भी महत्वपूर्ण है। इंदिरा एकादशी पूर्वजों के लिए श्राद्ध और दान के लिए सबसे अच्छे मुहूर्तों में से एक है, क्योंकि यह सीधे उनके पास जाती है, जिससे वे संतुष्ट होते हैं। साथ ही, आपको और आपके परिवार को आशीर्वाद देते हैं, यह भी कहा गया है कि जीवन में सफल होने के लिए पूर्वजों का आशीर्वाद बहुत जरूरी है।