हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके श्राद्ध के लिए अत्यंत शुभ समय माना जाता है। पितृ पक्ष में आने वाली इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि यह न केवल तर्पण और श्राद्ध के लिए शुभ है, बल्कि पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए भी सही तिथि होती है। इस वर्ष यह 17 सितंबर बुधवार को मनाया जाएगा और इस दिन कुछ उपाय करके आप अपने पूर्वजों से असीम आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
इंदिरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर या नजदीकी नदी में स्नान करें। फिर एक जल से भरा पीतल का लोटा लें, उसमें थोड़ा तिल और गंगाजल मिलाकर सूर्यदेव को अर्पित करें। यदि संभव हो तो इस दिन इंदिरा एकादशी का व्रत भी करें, इससे पितरों को तृप्ति मिलती है और पितृदोष समाप्त होता है।
इस दिन अनाज, कपड़े और धन का दान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि पितरों की तृप्ति के लिए गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना बहुत पुण्यदायी है, क्योंकि यह उन्हें संतुष्ट करता है। साथ ही, गाय को हरा चारा खिलाना भी पितृ दोष शांति के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है।
यदि आपकी राशि में पितृ दोष है, तो इंदिरा एकादशी के शुभ अवसर पर पितृ स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। इससे न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि घर में भी सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
तुलसी के पौधे की पूजा करके दीपक जलाएं। तुलसी पूजा से घर में शुद्ध वातावरण बनता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
साथ ही, भगवान विष्णु को शालिग्राम और तुलसी पत्र अर्पित करना अधिक शुभ माना जाता है।