वैशाख महीने के यम-नियम

Vaishakh Month Niyam: वैशाख महीने में भूल कर भी नहीं करें ये काम, नहीं तो होगा काफी नुकसान

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीना हिन्दू वर्ष का का दूसरा महीना होता है। यह महीना विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। साथ ही यह महीना प्रकृति के परिवर्तन और गर्मी के मौसम की शुरुआत का प्रतीक भी है। आपको बता दें कि वैशाख माह में विशेष रूप से भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का महत्व है। आइए, इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि इस महीने हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए!

आपको बता दें कि इस वर्ष चैत्र महीना 13 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इसके अगले ही दिन यानी 14 अप्रैल से वैशाख महीने की शुरुआत हो जाएगी जो 13 मई यानी मंगलवार को समाप्त होगी। इस महीने पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ हमें कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। हमें यह जरूर जान लेना चाहिए कि इस महीने हम क्या करें और क्या नहीं करें।

जरूर करें भगवान विष्णु की पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख महीना भगवान विष्णु तो बेहद ही प्रिय है। इस महीने में श्रद्धालुओं को पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस पूरे महीने आप प्रतिदिन सुबह 11 बार 'ॐ माधवाय नमः' मंत्र का जाप अवश्य करें। इससे आपके जीवन में आ रही सभी परेशानियां समाप्त हो जाएंगी।

जरूरतमंदों को करें दान-पुण्य

वैशाख महीने में काफी गर्मी पड़ती है, इसलिए ऐसी मान्यता है कि अगर हम इस महीने गरीबों के बीच जल, ठंडी चीजें, छाता, जूता-चप्पल आदि का दान करते हैं तो हमें मनचाहा फल मिलता है। इसके साथ ही हम जरूरतमंदों के बीच भोजन, सत्तू, पेय पदार्थ आदि का भी अपनी सुविधा अनुसार दान कर सकते हैं।

भगवान भास्कर को दें अर्घ्य

ऐसी मान्यता है कि वैशाख महीने में हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और देर तक सोने से बचना चाहिए। ज्योतिषों के अनुसार इस महीने में सुबह जल्दी उठकर प्रतिदिन भगवान भास्कर यानी सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। इससे हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और हमें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

क्या नहीं करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख महीने हमें कुछ चीजों को करने से बचना भी चाहिए, या यू कहें कि हमें कुछ चीजें करनी ही नहीं चाहिए। जैसे इस महीने में हमें दिन यानी दोपहर में बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। साथ ही में हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम तेल का उपयोग कम करें या फिर अगर अत्यधिक जरूरत न हो तो हम तेल का उपयोग न ही करें। वहीं, इस महीने हमें कांसे के बर्तन में भोजन भी नहीं करना चाहिए। ज्योतिषों की मानें तो वैशाख महीने में हमें दिन में कभी एक बार भोजन करना चाहिए, यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है।


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प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

केवट राम का भक्त है(Kevat Ram Ka Bhakt Hai)

केवट राम का भक्त है
दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,

प्रदोष व्रत चालीसा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत कन्याओं के लिए बेहद खास होता है, इस दिन भोलेनाथ की उपासना करने और व्रत रखने से मनचाहा वर पाने की कामना पूरी होती हैं।

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा(Radhe Jhulan Padharo Jhuk Aaye Badra)

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,
झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

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