नवीनतम लेख
वट सावित्री व्रत हिन्दू धर्म की एक अत्यंत महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत और भी विशेष हो गया है क्योंकि वट सावित्री व्रत पर ‘सोमवती अमावस्या’ का शुभ संयोग बन रहा है। धार्मिक दृष्टि से यह अत्यंत पुण्य दायक योग माना जाता है। इस वर्ष यह 26 मई को मनाया जाएगा।
जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन आती है, तो उसे ‘सोमवती अमावस्या’ कहा जाता है। शास्त्रों में इसे अत्यंत शुभ दिन माना गया है। इस दिन व्रत-पूजन, पवित्र नदियों में स्नान और वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। यह दिन विशेषकर पितरों की शांति, दांपत्य जीवन की समृद्धि और कुल कल्याण के लिए उत्तम माना जाता है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।