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अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त फरवरी 2025

अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त फरवरी 2025

फरवरी 2025 में करना चाहते हैं बच्चे का अन्नप्राशन संस्कार? यहां जानें शुभ मुहूर्त और नक्षत्र


हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन,  जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है। यह संस्कार न केवल बच्चे के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन बच्चे की स्वस्थ, समृद्ध, और खुशहाल जिंदगी की नींव रखता है। 


दरअसल जन्म के शुरुआती छह महीनों में शिशु की दुनिया में सिर्फ मां का दूध होता है, लेकिन जब वह पहली बार पके हुए भोजन का स्वाद लेता है, तो यह न केवल उसकी आहार यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत होती है, बल्कि यह उसके परिवार की शुभकामनाओं का भी प्रतीक है। अन्नप्राशन के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुभ माना जाता है। अन्नप्राशन संस्कार सदैव शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। ऐसे में आइये जानते हैं फरवरी 2025 में अन्नप्राशन संस्कार की शुभ तिथियां और शुभ मुहूर्त क्या है। 


फरवरी अन्नप्राशन मुहूर्त 2025


पंचांग के अनुसार, साल 2025 में, 7, 10, 17, और 26 फरवरी को अन्नप्राशन संस्कार के लिए विशेष शुभ तिथियां मानी गई हैं। इसके अलावा और भी कई शुभ तिथियां, शुभ मुहूर्त और नक्षत्र नीचे दिए गए हैं- 


  • 07 फरवरी 2025, शुक्रवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 07:40 बजे से सुबह 07:50 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी
  • 07 फरवरी 2025, शुक्रवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 09:20 बजे से दोपहर 02:18 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी
  • 07 फरवरी 2025, शुक्रवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: शाम 04:40 बजे से रात 11:25 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी, मृगशीर्ष
  • 10 फरवरी 2025, सोमवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 07:40 बजे से सुबह 09:10 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु
  • 10 फरवरी 2025, सोमवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 10:40 बजे से शाम 06:40 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु
  • 17 फरवरी 2025, सोमवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 08:40 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा
  • 17 फरवरी 2025, सोमवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: दोपहर 03:59 बजे से रात 10:40 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा
  • 26 फरवरी 2025, बुधवार, शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त: सुबह 08:15 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण, धनिष्ठा 


अन्नप्राशन संस्कार का महत्व 


अन्नप्राशन संस्कार, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, बच्चे के जीवन में सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य का संचार करने का एक तरीका है। यह संस्कार बच्चे को पहली बार अन्न चखाने के लिए किया जाता है, जो उसके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत करता है। वैदिक शास्त्रों में अन्न को जीवन का प्राण बताया गया है, और यह जीवन के लिए आवश्यक है। अन्न शुद्धि और आहार शुद्धि सबसे महत्वपूर्ण है, और आज के समय में लोगों को इसका ध्यान रखना चाहिए ताकि वे स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकें।

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