प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत अगले महीने होने जा रही है। यह 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा। इस दौरान 6 शाही स्नान होंगे। पंचागों के मुताबिक ऐसा संयोग 144 साल में बना है। इसमें चौथा शाही स्नान 2 फरवरी को होगा। इस दिन बसंत पंचमी भी पड़ रही है। बसंत पंचमी माता सरस्वती का दिन हैं, जिन्हें ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा की जाती है। यह हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार भी है, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस दिन महाकुंभ में भी खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस अलावा बसंत पंचमी के दिन शाही स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है। माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से मां सरस्वती आप से प्रसन्न होती हैं, जिससे आपको शिक्षा, कला और संगीत के क्षेत्र में सफलता मिलती है। चलिए आपको बसंत पंचमी पर किए जाने वाले चौथे शाही स्नान की तारीख और शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं. साथ ही जानते हैं कि हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का क्या महत्व है.
बसंत पंचमी की तिथि पंचांग के मुताबिक 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर खत्म होगी। इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगा और 5 बजकर 23 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दौरान त्रिवेणी संगम पर स्नान करना बेहद पुण्यकारी होगा। वहीं इस दिन माता सरस्वी की पूजा का शुभ मुहूर्त 7 बजकर 9 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक होगा।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक ब्रह्मा जी की प्रार्थना से मां सरस्वती प्रकट हुईं। इसके बाद ही उनकी वीणा की मधुर नाद से संसार में वाणी का संचार हुआ। इसी के चलते माता सरस्वती को ज्ञान और कला की देवी भी माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन नाच और गाकर खुशियां मनाई जाती हैं।
वहीं बसंत पंचमी के दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन के बाद से मौसम बेहद सुहाना हो जाता है। इस दौरान प्रकृति की हरियाली देखते ही बनती है। भगवान कृष्ण ने भी इस मौसम को सबसे सुंदर मौसम बताया है।